उनके द्वारा सामूहिक रूप से इस तरह का व्यवहार किसी के भय व दबाव, दुर्व्यवहार के कारण किया जाना प्रथमदृष्ट्या प्रतीत हुआ। इस घटना के संबंध में किसी भी छात्र अथवा अभिभावक द्वारा कोई लिखित या मौखिक शिकायत नहीं की गयी। तहरीर के अनुसार यूजीसी के एंटी रैगिंग हेल्पलाइन की सूचना के आधार पर तत्काल कॉलेज प्रशासन की अनुशासन समिति एवं एंटी रैगिंग समिति की जांच में किसी भी छात्र द्वारा रैगिंग की शिकायत नहीं मिली।
बताया कि उन्होंने और प्राचार्य ने छात्रावास का निरीक्षण किया, लेकिन हमेशा एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों ने रैगिंग से मना किया है। डॉ. सिंह के अनुसार मामले की जांच कर रहे कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और डीआईजी कुमाऊं रेंज डॉ. नीलेश आनंद भरणे के निर्देश के बाद उन्होंने यह शिकायत दर्ज करायी है, ताकि वायरल वीडियो का सच सामने आ सके।
इस मामले में एसएसपी पंकज भट्ट का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के रैगिंग का एक वायरल वीडियो के मामले में सहायक वार्डन द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है। असल वजह वीडियो की जांच के बाद ही पता चल पाएगी। साइबर सेल टीम द्वारा वीडियो की जांच की जा रही है।