दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर समारोह का आयोजन किया जा रहा है जिसमे 17 राज्यों की झांकियों को शामिल किया गया है जिसमे उत्तराखंड का नाम भी शामिल है। बता दें कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य राज्य है जिसमे कई जांबाजों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुती दी। वहीं सैनिक बाहुल्य राज्य की झांकी राजपथ में दिखेगे जिसकी रिहर्सल आज की गई। लेकिन उत्तराखंड की झांकी हो और उसमे सेना का नाम ना जु़ड़े और ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता।
जी हां बता दें कि 26 जनवरी को राजपथ पर कदमताल करने वाली सैन्य टुकड़ियों में कोई ना कोई उत्तराखंडी ऐसा होता ही है, जो अपनी टीम को लीड करता दिखता है। इस बार भी ऐसा ही कुछ होगा। जी हां बता दें कि 26 जनवरी को देहरादून के राजेंद्रनगर के रहने वाले कैप्टन शुभम शर्मा अपना हुनर दिखाएंगे और उत्तराखंड के प्रेजेंट करेंगे। आरडी परेड पर इस बार वह कोर ऑफ सिग्नल के एडवांस इलेक्ट्रानिक वॉरफेयर सिस्टम ‘समविजय’ के कंटेनजेन दस्ते का नेतृत्व कर राज्य का नाम रोशन करेंगे। हालांकि, कोविड-19 को मद्देनजर इस बार कोर ऑफ सिग्नल का मार्चिं दस्ता आरडी परेड में शामिल नहीं है।
आपको बता दें कि देहरादून के राजेंद्रनगर निवासी कैप्टन शुभम वर्तमान में टू इलेक्ट्रानिक वॉरफेयर बटालियन में तैनात हैं। शुभम शर्मा दिसंबर 2015 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट हुए थे। इलेक्ट्रानिक वॉरफेयर तकनीक में वह पारांगत सैन्य अधिकारी हैं। इससे पहले बीती 15 जनवरी को सेना दिवस के उपलक्ष में हुई परेड में भी उन्होंने अपने कंटेनजेन दस्ते को लीड किया था। मौजूदा समय में युद्ध की बदलती नीति को देखते हुए भारतीय सेना को कुछ समय पहले ही इलेक्ट्रानिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस किया गया था।
यह एक उच्च स्तरीय इंटेलीजेंस उपकरण है। भारत-पाकिस्तान व भारत-चीन सीमा पर इस उपकरण की खास अहमियत है। इसमें विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का उपयोग किया जाता है। इलेक्ट्रानिक युद्ध के दौरान ऊर्जा के द्वारा स्पेक्ट्रम का नियंत्रण, शत्रु पर आक्रमण करना व स्पेक्ट्रम के माध्यम से किसी आक्रमण का प्रतिरोध करना इसकी खासियत है। इस बार कोर ऑफ सिग्नल द्वारा इसे गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया जा रहा है।