देहरादून : बीते कई दिनों से उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है. वहीं जहां मैदानी जिलों में लोगों को गर्मी से राहत मिली है तो वहीं पहाड़ी जिलों के लोगों के लिए यह बारिश परेशानी का सबब बनी। जी ह बता दें कि बीते दिनों पहाड़ी जिलों में जैसे उत्तरकाशी, देवप्रयाग और नैनीताल के कैंची धाम में बादल फटने की घटनाएं हुई है जिससे लोगों को खासा नुकसान हुआ है। भारी तबाही मची। लोगों को खासा नुकसान हुआ। वहीं इस पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कड़ी नाराजगी जताई है और उत्तराखंड में लगाए गए मौसम पूर्व अनुमान डॉप्लर पर सवाल खड़े किए हैं
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने नाराजगी और चिंता जताते हुए कहा कि बादल फटने की घटनाओं से अंदाजा लगता है कि डॉप्लर रडार कदाचित क्रियाशील नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून बादल फटने की घटनाओं का सही पूर्वानुमान नहीें लगा पा रहा है। उन्होंने निदेशक मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून को पत्र लिखकर रडारों की क्रियाशीलता से अवगत कराने को कहा है।
बादल फटने की घटनाओं को देखते हुए पर्यटन मंत्री ने निदेशक मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून को पत्र लिखकर निर्देशित करते हुए कहा कि रडारों की क्रियाशीलता से अवगत कराना सुनिश्चित करें। कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में लगाए गए डॉप्लर रडार की इन घटना की सूचना और संबंधित विभाग की सूचना को संकलन करके व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार की ओर से कार्य किया जाएगा। जिससे प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कैंची धाम के घटनास्थल पर रेस्क्यू टीम राहत बचाव का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री का संकल्प है कि आपदा से प्रभावित लोगों को कम से कम समय में राहत पहुंचाए जाए। इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कहा कि सरकार की ओर से रेस्क्यू टीम को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। जिससे राहत और बचाव का कार्य तेजी से किया जा सके।