रामनगर – रामदत्त जोशी पीपीपी अस्पताल में कल कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत और अस्पताल संचालक के बीच हुई तीखी नोंक झोंक के बाद अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने आज विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बाहों में काली पट्टी बांधकर उन्होंने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे। जिनमें लिखा था कि डॉक्टर नेता बन सकते हैं, मगर नेता डॉक्टर नहीं बन सकते हैं। कल की घटना से आहत होकर वह अपने मान सम्मान के लिए मैदान में उतरे हैं। मूक प्रदर्शन के दौरान उन्होंने खुद के लिए सम्मान की पैरवी की और कहा कि कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किये बगैर वह ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है।
बता दें कि कल जिले के नोडल कोरोना मंत्री बंशीधर भगत अस्पताल के निरीक्षण को गए थे, वहां अस्पताल संचालक के साथ उनकी कहासुनी हुई, जिसके बाद सोशल मीडिया में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। ppp मोड के संचालक द्वारा मंत्री को सीधे जबाब देने से तकरार बढ़ गई थी। जिसके बाद आज अस्पताल कर्मियों ने प्रदर्शन किया है.
यह सब ऐसे वक्त में हो रहा है, जब अस्पताल को सौ बैड का कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है। ऑक्सीजन प्लांट लगने जा रहा है और महामारी का खतरा सिर पर है।
ऐसे में सोचनीय है कि राज्य सरकार के प्रतिनिधि और अस्पताल प्रबंधन बगैर तालमेल के कैसे काम करेंगे। जबकि होना यह चाहिए था कि राज्य सरकार और ppp मोड के अस्पताल के प्रबंधन के बीच ठंडे दिमाग से भविष्य की रणनीति पर चर्चा होती और अस्पताल की कमियों को दूर करने पर होमवर्क किया जाता। अस्पताल में ऑक्सीजन बैड की व्यवस्था, आईसीयू वेंटिलेटर की व्यवस्था और मेडिकल स्टाफ को बढ़ाने की योजना बनाई जाती। लेकिन इसकी फिक्र न मंत्री जी को और न ही अस्पताल प्रबंधन को। जबकि यह समय महामारी से निपटने के लिए सर जोड़कर काम करने का है। क्षेत्र की जनता तो अस्पताल के ppp मोड पर जाने से खुद को पहले ही ठगा सा महसूस कर रही है।