11 मार्च को देश में सीएए को लागू कर दिया गया है। असम राज्य में सीएए को लेकर जमकर विरोध हो रहा है। प्रदेश में केंद्र सरकार की खूब आलोचना हो रही है। अखिल असम छात्र संघ और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार को गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विवादास्पद कानून सीएए की प्रतियां जलाई गई। इसके अलावा असम में 16 दलों के संयुक्त विपक्ष ने चरणबद्ध आंदोलन के तहत मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
CAA की प्रतियां जलाई
अखिल असम छात्र संघ ने केंद्र सरकार के नागरिकता संसोधन कानून को अधिसूचित किए जाने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि हमने प्रत्येक जिले में सीएए की प्रतियां जलाने का फैसला किया है। मंगलवार को नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन की ओर से क्षेत्रों के सभी राज्यों की राजधानियों में सीएए की प्रतियां जलाई जाएंगी।
सभी पुलिस स्टेशनों पर अलर्ट
राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है। सभी कस्बों में प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। आसू के सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम सीएए के खिलाफ अपना अहिंसक, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखेंगे। साथ ही हम अपनी कानूनी लड़ाई भी जारी रखेंगे।’
असम पुलिस ने जारी किया नोटिस
वहीं पुलिस ने सीएए के विरोध में असम में हड़ताल का आह्वान करने वाले राजनीतिक दलों को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में कहा गया है, आपके खिलाफ कार्रवाई शुरु की जाएगी और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान की कुल लागत आपसे और आपके संगठन से वसूली जाएगी।