पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान राज्य भर से हिंसा की खबरें सामने आई है। कई लोगों की राज्य में मौत हुई और कई संख्या में लोग घायल हुए। वहीं अब राज्य में हुई इस हिंसा और तनाव को लेकर सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है।
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राज्य चुनाव आयोग पर जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर बीएसएफ के बार-बार अनुरोध के बावजूद चुनाव आयोग ने ऐसे बूथों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों को कोई जानकारी नहीं दी गई। बीएसएफ के डीआइजी एसएस गुलेरिया ने कहा की सीमा सुरक्षा बल ने संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी मांगने के लिए राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखे थे, लेकिन सात जून को छोड़कर और किसी दिन कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। केवल संवेदनशील बूथों की संख्या के बारे में बताया गया, लेकिन उनके स्थान या किसी अन्य जानकारी के बारे में कुछ नहीं बताया गया।
संवेदनशील मतदान केंद्रों की नहीं दी जानकारी
अधिकारी ने आगे कहा कि स्थानीय प्रशासन के आदेश पर बीएसएफ की तैनाती की गई थी। चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां पहुंची थीं, लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य ने केवल 4,834 संवेदनशील बूथ घोषित किए थे, जिन पर केवल सीएपीएफ तैनात थी, जबकि वास्तव में इससे कहीं अधिक संवेदनशील मतदान केंद्र थे।
राज्य में हिंसा मे 13 लोगों की मौत
बता दें की आठ जुलाई को बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान पूरे राज्य में 13 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें सामने आई।