बिहार में आज सरकार ने जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि राज्य में सबसे ज्यादा पिछड़ा वर्ग की आबादी है। राज्य में कुल 63 फीसदी आबादी इस वर्ग से है।
रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 27 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग से है। 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ा जातियों की आबादी है। वहीं अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है। वहीं सामान्य लोगों की आबादी 15 फीसदी है।
राज्य की आबादी में 25.5 फीसदी इजाफा
बीते 12 साल में राज्य की आबादी में 25.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की कुल आबादी में 15.9 फीसदी आबादी दलित और 1.3 फीसदी आबादी आदिवासी समाज की थी। नए जातिगत सर्व में दलित आबादी 19.65 फीसदी हो गई है। वहीं, आदिवासी आबादी का आंकड़ा भी बढ़कर 1.68 फीसदी हो गया है।
बिहार विधानसभा और विधानपरिषद ने 18 फरवरी 2019 को राज्य में जाति आधारित गणना कराये जाने का प्रस्ताव पारित किया । इस संबंध में इस संबंध में दोबारा एक मई 2022 को आयोजित सर्वदलीय बैठक में भी बिहार राज्य में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके अगले ही दिन राज्य मंत्रिपरिषद् द्वारा लिए गये निर्णय के आधार पर बिहार राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में माह फरवरी, 2023 तक संपन्न कराने का निर्णय लिया गया।
कई बिन्दुओं को ध्यान में रखकर तैयार हुई रिपोर्ट
बता दें कि बिहार जाति आधारित गणना-2022 को कई बिंदुओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इन बिंदुओं में शैक्षणिक योग्यता, कार्यकलाप, आवासीय स्थिति, अस्थायी प्रवासीय स्थिति, कम्प्यूटर / लैपटॉप की उपलब्धता, मोटर वाहन, कृषि भूमि, आवासीय भूमि, सभी स्त्रोतों से मासिक आय शामिल है।
राज्य का करेंगे सर्वांगीण विकास
वहीं अब रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार का कहना है कि रिपोर्ट का उपयोग सर्वप्रथम समाज के सबसे निचले पायदान पर मौजूद लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की कोशिश के साथ समाज और राज्य के सर्वांगीण विकास में किया जा सकेगा।
आकंड़ों में बिहार की आबादी
बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा 4,70,80,514 है।
पिछड़ा वर्ग की आबादी 3,54,63,936 हैं।
अनुसूचित जाति की आबादी 2,56,89,820 हैं।
सामान्य वर्ग की आबादी 2,02,91,679 है।
बिहार की कुल आबादी 13,07,25,310 है।
बिहार में हिन्दू सबसे ज्यादा
रिपोर्ट में सबसे ज्यादा बिहार में 82% हिन्दू हैं। 17.7% इस्लाम को मानने वाले हैं। शेष ईसाई सिख बौद्ध जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या एक फीसदी से भी कम है। राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया।