देश के नागरिकों के साथ सुविधा देने के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा शुरु की गई आयुष्मान भारत योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक CAG ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। कैग ने इस योजना को लेकर जारी की गई अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया कि इस योजना के तहत ऐसे लोग लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें पहले मृत दिखाया गया था। इसके साथ ही इस योजना के 9 लाख से अधिक लाभार्थी तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए हैं।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी CAG की हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के करीब 7.5 लाख लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड हैं। इस मोबाइल नंबर में सभी 10 नंबर में 9 का अंक 9999999999 है। कैग ने आयुष्मान भारत योजना के ऑडिट पर यह रिपोर्ट लोकसभा में पेश की है।
7.5 लाख लोगों का फर्जी रजिस्ट्रेशन
रिपोर्ट में बताया गया कि जिस मोहाइल नंबर से करीब 7.5 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया गया, उस नंबर का कोई भी सिम कार्ड नहीं है। बीआईएस के डेटाबेस के एनालिसिस से इतनी बड़ी संख्या में फर्जी रजिस्ट्रेशन का खुलासा हुआ है। इस योजना का लाभ उठाते हुए राशि हड़पने के लिए मर चुके लोगों का भी इलाज किया गया है। कैग की रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय में हड़कंप मचा है।
गलत मोबाइल नंबर से हुए लाखों रजिस्ट्रेशन
रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 1 लाख 39 हजार 300 लोग एक दूसके नंबर 8888888888 से जुड़े हैं। वहीं 96,046 अन्य लोग 9000000000 नंबर से जुड़े हैं। इसके अलावा ऐसे ही करीब 20 नंबर भी सामने आए हैं, जिनसे 10 हजार से लेकर 50 हजार लाभार्थी जुड़े हुए हैं। वहीं रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इस योजना के तहत इलाज करा रहे रोगियों को पहले मरा हुआ दिखाया गया गया था। लेकिन उसके बाद भी योजना राशि उठाने के लिए उनका इलाज चलता रहा। ऐसे मरीजों का डाटा चेक करने पर कैग ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के दौरान 88760 मरीजों की मौत हुई। 224923 दावों का सिस्टम में भुगतान के रूप में दिखाया गया है। इसमें 3446 मरीजों का 67.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
इन पांच राज्यों में बड़ा घोटाला
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक जिन पांच राज्यों में आयुष्मान भारत योजना के तहत सबसे ज्यादा गड़बड़ी हुई है उनमें मध्य प्रदेश, केरल, हरियाणा, झारखंड, केरल शामिल है। इससे पहले इस स्कीम को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जुलाई 2020 में भी गड़बड़ी की थी।
क्या है आयुष्मान भारत योजना
बता दें कि साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ी हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की थी। इस स्कीम के तहत देश के गरीब लोगों को 5 लाख रूपये तक का इलाज मुफ्त में कराए जाने का दावा किया गया था। इस स्कीम के तहत लोगों को लाभ लेने के लिए आयुष्मान कार्ड बनाना पड़ता है। जिसके बाद योजना के तहत लिस्टेड हॉस्पिटलों में इलाज में छूट दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य करोड़ो गरीब लोगों का उद्धार करना था। लेकिन अब इस योजना में एक बड़ा घोटाला सामने आया है जिसका खुलासा देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी CAG ने किया है।