नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। काशीपुर निवासी राजीव अग्रवाल ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर कहा था कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
याचिका में कहा गया कि विधायक हरभजन सिंह चीमा की आयु आधार कार्ड और पैनकार्ड में अलग-अलग हैं। हरभजन सिंह चीमा की शैक्षिक योग्यता स्नातक है, लेकिन उन्होंने अपने नामांकन पत्र में हाईस्कूल लिखा है। इसके बावजूद 30 जनवरी 2017 को हरभजन सिंह चीमा का नामांकन पत्र वैध माना गया। जब इसकी शिकायत उन्होंने चुनाव अधिकारी से की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सुनवाई के दौरान हरभजन सिंह चीमा के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि साल 2017 में जो नामांकन पत्र दाखिल किया गया था वो सही था। उसमें शैक्षिक योग्यता, उम्र, जन्मतिथि प्रमाणपत्रों के अनुरूप भरी गई थी, जिसमें कोई हेराफेरी नहीं की गई थी।चीमा पेपर मिल पर बकाए के संबंध में उनके द्वारा कोर्ट में कहा गया कि कंपनी स्वयं में व्यक्ति है और कंपनी के प्रति डायरेक्टर की देनदारी नहीं बनती है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका को खारिज कर दिया। उधर, पूर्व विधायक राजीव अग्रवाल का कहना है कि वह हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए निर्णय लेंगे।
वहीं इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विधायक को बड़ी राहत दी और राजीव अग्रवाल की याचिका को खारिज किया। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद विधायक ने राहत की सांस ली है।