गुजरात: कोरोना देशभर में कहर बरपा रहा है। हर दिन कोरोना के मामले लगभग दोगुना रफ्तार से बढ़ रहे हैं। कोरोना के कारण लोगों की जानें भी जा रही है। मामले बढ़ने के साथ ही देशभर के अलग-अलग राज्यों में वीकेंड लाॅकडाउन से लेकर लाॅकडाउन तक के फैसले लिए जा रहे हैं। दिल्ली और राजस्थान अपने राज्यों को कुछ दिनों के लिए लाॅकडाउन कर चुके हैं, लेकिन गुजरात में सरकर ने कोई फैसला नहीं लिया तो लोगों ने खुद की कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए वलसाड शहर के को 10 दिनों के लिए लाॅकडाउन कर दिया। उसका असर भी नजर आ रहा है।
वलसाड के दुकानदारों और व्यापारियों के संगठन ने जिलाधिकारी आर आर रावल और भारतीय जनता पार्टी के विधायक भरत पटेल के साथ बैठक में इसका फैसला किया। सोमवार को वलसाड जिले में 71 नए मरीज सामने आए और छह मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
वलसाड में कोरोना संक्रमित कुल मामलों की संख्या 2,101 हो गई है और सरकारी और निजी अस्पतालों में 416 मरीजों का इलाज चल रहा है। बता दें कि वलसाड में रविवार से दस दिन का लॉकडाउन लागू कर दिया गया और लॉकडाउन के एलान से पहले ही लोगों ने आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों के बाहर लंबी लाइनें लगा दीं।
गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अप्रैल से किसी भी राज्य से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य कर दिया है। बाहरी राज्यों से आने वाले हर यात्री की गहन जांच की जा रही है। जिन लोगों के पास आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट नहीं है, वो 800 रुपये का शुल्क देकर हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर अपनी जांच करवा सकते हैं। राज्य में कोरोना के फैलते संक्रमण को देखते हुए पार्क और स्कूल को पहले से ही बंद किया हुआ है।