कोरोना ने पिछले दो साल पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। दुनियाभर में लोग बर्बाद हो गए। लॉकडाउन के कारण लोगों को घरों में कैद होना पड़ा। कामकाज ठप हो गए। अब हालात सामान्य होने लगे तो एक बार फिर से कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। कोरोना फिर चीन से रफ्तार पकड़ने लगा है। चीन में 27 से अधिक प्रांत कोरोना महामारी की चपेट में आ गए हैं। देश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 16 हजार 412 नए मामलों की पुष्टि हुई है।
शंघाई में एक दिन में रिकॉर्ड 8 हजार 581 केस दर्ज किए गए हैं। देश के कई प्रांतों में बेहद ही खतरनाक ओमिक्रोन वेरिएंट फैल गया है, जिससे लोगों के बीच एक बार दहशत का माहौल है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि चीनी प्रशासन ने देश की वीत्तिय राजधानी शंघाई में लॉकडाउन लगा दिया गया है। इतना ही नहीं यहां दो करोड़ से ज्यादा नागरिकों की कोरोना जांच के लिए सख्त पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। बता दें कि शहर में 28 मार्च को दो चरणों के लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी।
इस दौरान लोगों को घर में रहने के लिए कहा जा रहा है। बाहर निकलने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इतना ही नहीं शहर में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ गई हैं। विदेशों कों निर्यात किए जाने वाले सामानों की सप्लाई रोक दी गई है। हालात इतना खराब हो चुके हैं कि शंघाई के किसी भी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं बची है। इसके बावजूद चीन का दावा है कि शंघाई में कोरोना संक्रमण से अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है।
चीन ने सोमवार से जांच का बड़ा अभियान छेड़ दिया है। जांच के लिए सेना के जवानों व डॉक्टरों को बड़ी संख्या में मैदान में उतारा गया है। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 2000 से ज्यादा चिकित्साकर्मियों को रविवार को शंघाई भेजा गया, ताकि वहां कोरोना जांच में नागरिक प्रशासन की मदद की जा सके।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जियांग्सू, जेजियांग और बीजिंग समेत कई प्रांतों से भी डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों को वहां भेजा गया है। इस तरह करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों की टीम जांच अभियान में जुटी है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने महामारी पर तेजी व सख्ती से काबू पाने का निर्देश दिया है।