देहरादून: राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना के कारण उत्तराखंड में हालात बाकू से बाहर होते जा रहे हैं। लगातार मामले बढ़ने से अब स्थितियां भी बिगड़ने लगी हैं। अस्पताल में बेड फुल हो चुके हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य स्तरीय विशेषज्ञ समिति ने सरकार को कई अहम सुझाव दिए हैं। संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए प्रदेश में शाम छह बजे से लेकर सुबह छह बजे तक के रात्रि कर्फ्यू, शादी, सार्वजनिक समारोह में अधिकतम 50 लोगों की ही अनुमति देने और जांच बढ़ाने की संस्तुुति की है।
प्रदेश सरकार ने हाल ही में 20 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति की रिपोर्ट से जाहिर है कि जांच और उपचार में देरी और क्लस्टर मामलों के संक्रमण के कारण संक्रमितों में इजाफा हुआ।समिति ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का अधिक प्रयोग न करने की सलाह दी है और कोविड उपचार में संशोधन किया है। इसके साथ ही इस बात की आशंका भी जताई है कि इस दौर का वायरस अलग है।
कोरोना फैलने की वजह
– जांच और उपचार में देरी
– क्लस्टर मामलों के कारण बढ़ा संक्रमण
– रोगियों को उच्च स्तर पर उपचार देने में देरी
दूसरे दौर का वायरस पहले से अलग
विशेषज्ञ समिति का कहना है कि दूसरे दौर में 50 से कम उम्र के लोगों में मृत्यु दर अधिक है। पहले ऐसा नहीं था। यह जीनोम सिक्वेसिंग में बदलाव के कारण भी हो सकता है और वायरस के अधिक फैलाव के कारण भी।
उपचार में बदलाव
– आइवरमेक्टिन टेबलेट पहले दिन मेें एक बार तीन दिन के लिए दी जा रही थी। अब इस टेबलेट को दिन में दो बार तीन दिन के लिए दिए जाने का सुझाव दिया गया है।
– रेमडेसिविर की भारी कमी है। यह पाया गया है कि इसके उपयोग से मृत्यु दर पर अधिक फर्क नहीं पड़ता। मध्यम संक्रमण – जहां ऑक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत हो और संक्रमण आठ से दस दिन पुराना हो, वहां इस दवा का उपयोग किया जाए।
जन सहयोग के उपयोग
– सार्वजनिक स्थानों, समारोहों आदि में अधिकतम 50 लोग हों
– जल्द से जल्द रोग की पहचान की जाए, उपचार और रिफरल
– फ्लू ओपीडी शुरू की जाएं, कोविड टेस्टिंग बढ़ाई जाए
– रिपोर्ट का इंतजार किए बिना लक्षण वाले रोगियों का उपचार हो
– टीकाकरण अभियान और तेज किया जाए
– रात्रि कर्फ्यू शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक का हो
– मृत्यु दर का ऑडिट नियमित रूप से किया जाए