देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को सीएम बने रहने के लिए शपथ लेने के 6 माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना अनिवार्य है। ऐसे में राज्य में सल्ट विधानसभा के बाद एक और उपचुनाव होना है। हालांकि अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि सीएम तीरथ के लिए कौन सीट छोड़ेगा। सीएम के लिए सीट छोड़ने को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट के बाद अब निर्दलीय विधायक रामसिंह कैड़ा ने भी अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भीमताल से चुनाव लड़ते हैं तो उनके क्षेत्र में और तेजी से विकास होगा।
नेतृत्व परिवर्तन के बाद पौड़ी गढ़वाल सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी हुई है। नियमानुसार अब उन्हें छह माह के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी है। मुख्यमंत्री के लिए उपयुक्त सीट को लेकर पार्टी में चर्चा शुरू हो गई है। अभी तक मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए भाजपा विधायक सीट छोड़ने की पेशकश के साथ आगे आ रहे थे। तीरथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण के दिन ही बदरीनाथ से भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट उनके लिए अपनी सीट खाली करने की बात कह चुके हैं। इसके बाद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक कदम आगे बढ़ते हुए सीधे आलाकमान के सामने ही इस तरह की पेशकश की थी।
भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे भीमताल विधायक कैड़ा भी मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश के साथ आगे आए हैं। विधायक कैड़ा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से फोन पर बात उनके लिए सीट छोड़ने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री नरायण दत्त तिवारी रामनगर से उप चुनाव लड़े और रामनगर का विकास हुआ, उसी तरह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भीमताल से चुनाव लड़ते हैं तो ओखलकांडा, धारी, रामगढ़ और भीमताल विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे।