टिहरी: आर्मी के नाम पर पहाड़ के युवा कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। इसी को लाभ उठाकर कुछ ठगों ने एक जाल बुना। इसमें युवाओं को टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती कराने का झाल बिछाया और आर्मी से मिलती-जुलती वर्दी देकर ट्रेनिंग कराते थे। युवाओं को ठगने वाले 3 युवकों को पुलिस और एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से बहुत सी सामग्री मिली है, जिससे ये युवाओं को फर्जी लेटर बनाकर देते थे।
पुलिस टीम इनके गट्टू खाता स्थित ट्रेनिंग कैंप में भी गई। यहांयुवकों को आर्मी से मिलती-जुलती वर्दी में ट्रेनिंग कराते थे। आर्मी इंटेलीजेंस की जानकारी पर पुलिस ने मामले की तफ्तीश की थी। सोमवार को एक युवक की तहरीर पर पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद एसओजी प्रभारी एश्वर्य पाल और प्रेमनगर थाना प्रभारी धनराज बिष्ट की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया
पुलिस ने पांच में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें सोनू निवासी बोंदकला बोंदा चरखीदादरी भिवानी हरियाणा, स्वराज उर्फ युवराज उर्फ अरविंद निवासी गांव तिलियाधार खुर्जा बुलंदशहर और अक्षित उर्फ पंकज निवासी हरेडा थाना बागपत उत्तर प्रदेश शामिल हैं। सबसे पहले रवीन्द्र नाम के व्यक्ति द्वारा हरियाणा, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से बेरोजगार युवकों को इकट्ठा किया गया। 10-12 लड़के इकट्ठा होने के बाद धनराशि तय की गयी। प्रति युवक पांच से 10 लाख रुपये भर्ती के लिए तय हुआ था।
सेना में भर्ती के लिए लड़कों का चयन होने के बाद रवीन्द्र अपने साथी सोनू को इन लडकों से मिलवाता था और सोनू इन लडकों से उनके कागजात आधार कार्ड आदि इकठ्ठे करता था। इसके बाद अपने अन्य साथी युवराज के साथ मिलकर फर्जी ज्वाइनिंग लैटर या सलेक्शन लैटर तैयार करवाता था। सभी लड़कों के कागजात इकट्ठा होने के बाद उन लड़कों का मेडिकल करवाने के लिए आर्मी कैंट क्षेत्र चुना जाता था, जिसमें इनका सहयोगी रोहित नाम का व्यक्ति आर्मी कैंट, धौलाकुंआ, दिल्ली कैंपस में अंदर ले जाकर इनके मेडिकल करवाता है।
इसमें सभी लड़कों का मेडिकल होने के बाद ट्रेनिंग के लिए स्थान का चयन किया जाता है, जहां पर बैच के अनुसार इन्हें ट्रेनिंग दिलवायी जाती है। हिमालयन कैंप, गट्डू खत्ता टिहरी गढ़वाल में आर्मी की मिलती-जुलती वेशभूषा में इन्हें आर्मी की तरह प्रशिक्षण दिया जाता है। पिछले साल भी सोनू ने अपने गांव के आसपास के 5-6 लड़कों के पैसे लेकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दे दिए थे, जिसका पता चलने पर लोगों ने सोनू की पिटाई भी की, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था।