देहरादून : उत्तराखंड से बड़ी खबर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार सीएम का पद संभालने और शपथ ग्रहण के बाद पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलने पहुंचे वो भी उनके घर। दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस भाजपा, हरदा और सीएम धामी इसे शिष्टचार भेंट का नाम दे रहे हैं लेकिन बात कुछ ओर भी है। हरीश रावत की एक पोस्ट के बाद अचानक हरीश रावत से मिलने जाना ये साफ जाहिर कर रहा है कि सीएम धामी हरीश रावत की नाराजगी को दूर करने पहुंचे।
आपको बता दें कि बीते दिनों हरीश रावत ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की थी और शपथ ग्रहण के निमंत्रण देने पर सवाल खड़े किए थे। हरीश रावत ने शपथ ग्रहण में बुलाने पर नाराजगी जाहिर की थी। जिसके बाद आज सीएम धामी उनसे मुलाकात करने पहुंचे। इसके लिए सीएम की जमकर तारीफ भी हो रही है। मुलाकात के दौरान दोनों के बीच राज्य हित के विभिन्न विषयों पर बातचीत हुई।
हरीश रावत ने लिखा कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस की अनुपस्थिति को लेकर टिप्पणियां हुई हैं, जो स्वभाविक हैं। हमारा कोई उद्देश्य शपथ ग्रहण से दूरी बनाए रखने का नहीं था। मैंने फेसबुक पर बधाई भी दी और पूरे शपथ ग्रहण समारोह को अपने मोबाइल फोन में देखा भी। मुझे जो निमंत्रण पत्र भेजा गया था, उस निमंत्रण पत्र के साथ कार पार्क और कोई स्थान इंडिकेटर अभिसूचित नहीं था। जिस अवसर पर देश के शीर्षस्थ शासक वर्ग उपस्थित हो, वहां यदि आप बिना पूर्व निर्धारित स्थान और बिना कार पार्किंग, प्रवेशद्वार इत्यादि की जानकारी बिना पहुंचते हैं, तो आप सुरक्षा हैजार्ड भी बन सकते हैं। मैंने बहुत विचार करने के बाद न जाने का फैसला किया। पिछली बार ऐसा अवसर आया था तो मैं गया था और मंच पर मैंने, मुख्यमंत्री मंत्रीगणों व भाजपा के नेतागणों को बधाई दी थी और उनके साथ बैठा था। मेरा मानना है मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह एक राज्य का महत्वपूर्ण अवसर होता है, उस अवसर पर विपक्ष के नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सम्मानपूर्वक बुलाया जाना चाहिए और उनको वहां जाना भी चाहिए, राजनीतिक सौहार्द की यह आवश्यकता है।