देहरादून : मैदानी राज्यों में गर्मी बढ़ने के साथ लोगों की भीड़ उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों पर बढ़ती जा रही है जिससे एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। वहीं इसके नियंत्रण के लिए और तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए अब सरकार और पुलिस सख्त हो गई है। उत्तराखंड आने के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई है। कई वाहनों को चेक पोस्ट से वापस लौटाया जा रहा है लेकिन लोग अब उत्तराखंड घूमने के लिए गलत रास्ता अपना रहे हैं।
बता दें कि ताजा मामला अशारोड़ी चेक पोस्ट का बुधवार शाम का है जहां मसूरी घूमने जा रहे लोगोंकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट फर्जी पाई जिसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा। जानकारी मिली है कि गिरफ्तार आरोपियों में से 3 गाजियाबाद और 01 बिहार का पर्यटक शामिल है। बता दें कि लोग घूमने आने से पहले जांच कराना और रिपोर्ट लेने के लिए घंटों इंतजार करना नहीं चाहते और वो गलत रास्ता अपना रहे हैं जिससे वो सलाखों के पीछे पहुंचाए जा रहे हैं। आपको बता दें कि दिल्ली, गाजियाबाद,हरियाणा और यूपी के कई शहरों से यहां घूमने आने वाले युवकों को बड़ी आसानी से फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट मिल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फर्जी रिपोर्ट बनाने में कई बड़े अस्पतालों में कार्यरत कर्मचारी तक शामिल है जो अच्छी रकम ले कर कुछ ही मिनटों में फर्जी रिपोर्ट तैयार कर दे रहे है। बता दें कि नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, ऋषिकेश आने के लिए लोग पूरे परिवार की फर्जी रिपोर्ट ला रहे हैं।
थानाध्यक्ष धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि इसके पीछे आ रही एक और कार में तीन लोग सवार थे। इनकी रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी लगी। रिपोर्ट की बारीकी से जांच की गई तो वो फर्जी पाई गई। युवक के पास कोरोना जांच की 10 फर्जी रिपोर्ट मिली। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें तीन पर्यटक गाज़ियाबाद निवासी हैं और एक बिहार का रहने वाला है। ये सभी मसूरी घूमने आ रहे थे। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार पर्यटकों में तरुण मित्तल निवासी 167 सेक्टर 06 चिरंजीव विहार गाजियाबाद, अमित गुप्ता निवासी केएम कवि नगर गाजियाबाद, अमित कौशिक निवासी 126 एफ ब्लाक नेहरूनगर गाजियाबाद औऱ सुजीत कामत निवासी झिडकी जिला मधुबनी बिहार शामिल हैं।