हरिद्वार : उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी है। जीरो टॉलरेंस की सरकार का भ्रष्टाचार पर प्रहार जारी है। बड़ी खबर हरिद्वार से है। जी हां बता दें कि उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटाले में से एक छात्रवृत्ति घोटाले में हरिद्वार एसआइटी ने बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी ने छात्रवृत्ति घाटाले मामले में हरिद्वार के त्रिवेणी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन मेरठ बागपत रोड बागपत के निदेशक को गिरफ्तार किया है। इस मामले में निदेशक पर फर्जी छात्रों के नाम पर करीब सवा करोड़ की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है। बता दें कि छात्रवृत्ति घाटाले मामले में एसआईटी अब तक कई बड़े अधिकारियों और निजी कॉलेज संचालकों को गिरफ्तार कर चुकी है। खबर मिली है कि एसआईटी अब देहरादून के कई कॉलेजों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में हाइकोर्ट के आदेश पर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच लंबे समय से चल रही है।अब तक कई गिरफ्तारियां भी इस मामले में हो चुकी है। कई अधिकारी और निजी कॉलेज के संचालक सलाखों के पीछे हैं। वहीं एसआईटी की कार्रवाई जारी है। बता दें कि हरिद्वार और देहरादून में आईपीएस मंजूनाथ टीसी और गढ़वाल-कुमाऊं क्षेत्र की जांच वरिष्ठ आईपीएस आईजी संजय गुंज्याल को सौंपी गई।
इसी के मद्देनजर हरिद्वार एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की और सवा करोड़ का घाटाले करने वाले निदेशक को गिरफ्तार किया। बता दें कि एसआईटी ने शनिवार को अक्टूबर 2019 में सिडकुल थाने में दर्ज मुकदमे में फरार चल रहे त्रिवेणी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन मेरठ बागपत रोड बागपत के निदेशक अंकुर राणा को गिरफ्तार किया है। एसआइटी जांच में सामने आया कि अंकुर राणा ने कॉलेज में फर्जी छात्रों के नाम दर्ज कर करीब 1 करोड़, 21 लाख 44 हजार की छात्रवृत्ति हड़पी। जांच में सामने आया कि जिन छात्रों के नाम प छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई है उनका संस्थान से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें कोई जानकारी भी नहीं है। इसके अलावा जांच में जो रकम कथित फर्जी छात्रों के नाम जो रकम स्वीकृत हुई थी, वह भी निदेशक ने बैंक खातों से अपने खाते में ट्रांसफर कराई। एसआई राजीव उनियाल ने बताया कि अंकुर राणा 2020 में बागपत पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले में जेल भेजा था। इन दिनों वह जमानत पर बाहर आया था। अब एसआइटी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपी को जेल भेजा जाएगा।