टिहरी से बड़ी खबर है। बता दें कि टिहरी झील का जल स्तर बढ़ाये जाने के बाद उसका जल स्तर सरोट गांव तक पहुंच गया। खतरे की जद में आये दो परिवारों के घरों के आंगन भी टिहरी झील में समा गये। एहतियातन गांव में दो परिवारों को मकान खाली करा करवा कर उन्हें पंचायत घर और पशु सेवा केन्द्र में शरण दी गयी है। भरत लाल पुत्र चुनरिया लाल और कमला देवी पत्नी कुंदन लाल के जिन परिवारों को पंचायत घर पशु सेवा केन्द्र में शरण दी गयी है वे अनुसूचित जाति के परिवार हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें हरिद्वार में कृषि भूमि वर्ष 2004 में दी गईए लेकिन अभी तक भवन प्रतिकर नहीं दिया गया हैए जिससे वह खतरे की जद में आए अपने पुराने मकानों में रहने के लिए मजबूर हैं।
पूर्व ग्राम प्रधान शूरवीर सिंह राणा और अर्जुन सिंह कहना है कि जलस्तर बढ़ाने से गांव के करीब सौ परिवार खतरे की जद में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब तक प्रतिकर भुगतान नहीं मिलेगा वे घर खाली नहीं करेंगे। तहसीलदार का कहना है कि जिला प्रशासन को मामले की रिपोर्ट भेज दी गयी है।
दूसरी ओर टीएचडीसी के अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने से अब हर साल करीब 15 मिलियन यूनिट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन बांध से होगा और हर दिन 50 से लेकर 60 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।