पूर्व कौबिनटे मंत्री दिनेश अग्रावल ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है। उनके कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में जाने से जहां कांग्रेस को नुकसना होगा तो वहीं बीजेपी को अच्छा फायदा होने वाला है। धर्मपुर विधानसभा सीट पर अग्रवाल के पाले में मुस्लिम वोटर्स के साथ ही देसी वोटर्स भी हैं।
दिनेश अग्रवाल ने थामा भाजपा का दामन
पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।इस दौरान हरिद्वार से बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार त्रिवेंद्र रावत, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल भी मौजूद रहे। इसके साथ ही धर्मपुर से भाजपा विधायक विनोद चमोली भी मौजूद रहे। अग्रवाल के साथ कई निवर्तमान और पूर्व पार्षद भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
अग्रवाल के जाने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान
दिनेश अग्रवाल के जाने से कांग्रेस को धर्मपुर विधानसभा सीट में खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है। उनके कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने से कांग्रेस का वोट बैंक कम हुआ है। धर्मपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम और देसी वोटरों की संख्या ज्यादा है और अग्रवाल की पकड़ मुस्लिम और देसी वोटरों में बहुत अच्छी है। उनके भाजपा में जाने से ये वोटर्स भी भाजपा के पाले में आ गए हैं।
दिनेश अग्रवाल के आने से भाजपा और भी मजबूत
दिनेश अग्रवाल के भारतीय जनता पार्टी में जाने से भाजपा और भी ज्यादा मजबूत हो गई है। अग्रवाल के आने से धर्मपुर विधानसभा सीट में 25 हजार वोट सीधे भाजपा के खाते में आ गए हैं। इसके साथ ही हरिद्वार लोकसभा सीट के लिए भी ये अच्छी खबर है क्योंकि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र हरिद्वार सीट के अंर्तगत आता है और इसी के साथ हरिद्वार में बीजेपी और ज्यादा अच्छी स्थिति में आ गई है और कांग्रेस को इसके नुकसान झेलना पड़ सकता है।
लगातार दो बार नित्यानंद स्वामी को हराया था
आपको बता दें कि साल 1993 और 1996 में उत्तर प्रदेश के समय देहरादून विधानसभा सीट से दिनेश अग्रवाल ने चुनाव लड़ा था। लेकिन वो हरबंस कपूर से हार गए थे। राज्य गठन के बाद दिनेश अग्रवाल ने 2002 व 2007 में लगातार दो बार लक्ष्मण चौक सीट पर नित्यानंद स्वामी हराया।
इसके बाद साल 2012 में उन्होंने धर्मपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और प्रकाश ध्यानी को हराकर वो विधायक बने। इसके बाद साल 2017 के चुनाव में उन्हें भाजपा के विनोद चमोली के हाथों मात खानी पड़ी। साल 2018 में अग्रवाल ने मेयर नगर निगम का चुनाव लड़ा। लेकिन इसमें सुनिल उनियाल गामा की जीत हुई।