छत्तीसगढ़ के बीजापुर में दो दिन पहले साल का सबसे बड़ा हमला हुआ जिसमे 23 जवान शहीद हो गे। वहीं 22 जवानों के शव बरामद किए जा चुके हैं। एक जवान अभी भी लापता है। वहीं इस हमले में 32 जवान घायल हुए हैं जिनसे मिलने आज गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस हमले के पीछे गलत खुफिया जानकारी का होना बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि नक्सलियों के दो बड़े कमांडर माडवी हिडमा और उसकी सहयोगी सुजाता बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाडिय़ों के पास के छिपे हुए हैं. जानकारी के आधार पर शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था. नक्सल विरोधी अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर, सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग दो हजार जवान शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक सुरक्षाबलों को मिली नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी एक जाल साबित हुई.
सूत्रों के मुताबिक खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबल जब सुराग वाली जगह पर पहुंचे तो करीब 400 नक्सलियों ने उन्हें तीन तरफ से घेर लिया. सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई. सुरक्षाबलों ने भी बाहदुरी का परिचय देते हुए जोरदार पलटवार किया. लेकिन जंगल के हालातों का फायदा नक्सलियों को मिला और सुरक्षाबलो को भारी नुकसान उठाना पड़ा. अधिकारियों के मुताबिक नक्सलियों ने अंग्रेजी के U अक्षर के आकार में तीन तरफ से सुरक्षाबलों पर धावा बोला.
मुख्यमंत्री और CRPF डीजी का गलत खुफिया जानकारी से इनकार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने किसी भी तरह के खुफिया तंत्र की नाकामी से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि यह कहने की कोई गुंजाइश नहीं है कि हमले में किसी तरह खुफिया तंत्र की नाकामी थी. अगर यह किसी तरह की गलत जानकारी होती तो सुरक्षाबल ऑपरेशन के लिए नहीं जाते. साथ ही अगर गलत जानकार होती तो इकते नक्सली नहीं मारे जाते.”
हमले का मास्टर माइंड है नक्सली कमांडर हिडमा
सुरक्षाबलों की ज्वाइंट टीम के साथ नक्सलियों की 4 घंटे मुठभेड़ चली थी. इस हमले का मास्टरमाइंड बटालियन नंबर 1 का हेड हिडमा है. माओवादियों का ये सबसे बड़ा बटालियन है. नक्सली हिडमा की बात करें तो इसे लेकर ज्यादा पुख्ता जानकारी मौजूद नहीं है. जानकारी के मुताबिक इसकी उम्र तीस साल के आसपास है. उसके सिर पर सरकार ने करीब 40 लाख का इनाम रखा हुआ है. छत्तीसगढ़ में हुए अब तक कई बड़े हमलों में हिडमा का हाथ रहा है. साल 2011 में सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत और मई 2013 में जीरम घाटी में 32 लोगों की मौत के पीछे भी हिडमा का हाथ माना जाता है. इस हमले में कांग्रेस के कई बड़े नेत भी मारे गए थे.