खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नु के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को बड़ा एक्शन लिया है। एजेंसी ने पन्नू अमृतसर और चंडीगढ़ स्थिति संपत्तियों को जब्त कर लिया है। पन्नू पर पंजाब में 22 अपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें तीन देशद्रोह के मामले भी शामिल है। बता दें कि पन्नू इस समय अमेरिका में रह रहा है। वहां वो लगातार भारत के खिलाफ वीडियो जारी कर जहर उगलता रहता है।
बता दें कि एनआईए ने जो संपत्तियां जब्त की हैं उनमें अमृतसर जिले के बाहरी इलाके में स्थित पैतृक गांव खानकोट में 46 कनाल कृषि संपत्ति और चंडीगढ़ के सेक्टर में 15,सी स्थ्ति उसका मकान शामिल है। जब्ती के बाद अब पन्नू का संपत्ति से अधिकार खत्म हो जाएगा और संपत्ति सरकार की हो जाएगी।
पन्नू का संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं
वहीं एनआईए ने पन्नू की कोठी के बाहर बोर्ड लगाकर साफ कर दिया है कि इस संपत्ति पर अब उसका कोई अधिकार नहीं है। यह अब एक सरकारी संपत्ति बन गई है। इस कोठी के एक चौथाई हिस्से को एनआइए कोर्ट के आदेश पर पहले अचैट कर दिया गया था। इसके साथ ही अमृतसर के गांव खानकोट में भी पन्नू की 46 कनाल खेती योग्य जमीन जब्त की गई है।
2020 में पन्नू हुआ आतंकवादी घोषित
बता दें कि गृह मंत्रालय ने जुलाई 2020 में पन्नू को आतंकवादी घोषित किया था और उसके लिए इंटरपोल नेड नोटिस जारी किया था। पन्नू का संगठन Punjab independence referendum के माध्यम से भारत के खिलाफ अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा दे रहा है। भारत सरकार ने इन गतिविधियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कनाडा सरकार से इसके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू
गुरपतवंत सिंह पन्नू मूल रूप से पंजाब के खानकोट से ताल्लुक रखने वाला है। इस समय वो अमेरिका का नागरिक है। पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करने के बाद वो विदेश चला गया था। तभी से वह कनाडा और अमेरिका में रह रहा है। वह विदेश में रहकर ही खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं। साथ ही समय-समय पर वो भारती विरोधी भी जारी करता है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से उसने सिख फॉर जस्टिस संगठन नाम के एक संगठन का गठन किया है, जिस पर भारत ने 2019 में बैन लगा दिया था।