केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वरोजगार परक योजनाओं से बेरोजगार युवाओं को लाभान्वित करने के उद्देश्य से मुख्य विकास अधिकारी डाॅ. जीएस खाती की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई।
स्वरोजगार योजनाओं से बेरोजगार युवाओं को करें लाभान्वित
मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों qJ बैंक प्रबंधकों को निर्देश देते हुए कहा कि केंद्र B राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें ऋण उपलब्ध कराने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित हो रही हैं। विभिन्न विभागों के माध्यम से स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराने के लिए लाभार्थियों द्वारा जो भी आवेदन पत्र प्राप्त किए जाते हैं जो बैंकों को प्रेषित किए जाते हैं इसके लिए सभी बैंक प्राप्त आवेदन पत्रों को त्वरित शीर्ष प्राथमिकता से आवेदन पत्रों को स्वीकृत करते हुए ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिससे कि बेरोजगार युवा स्वरोजगार शुरू कर सकें।
लोन के आवेदन पत्र को अनावश्यक रूप से ना रखें लंबित
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी आवेदन पत्र को अनावश्यक रूप से लंबित न रखा जाए। अगर किसी आवेदन पत्र में कोई कमी पाई जाती है तो उसके निराकरण के लिए संबंधित विभाग और लाभार्थी को सूचित किया जाए। जिससे कि उनके द्वारा जो भी कमी है उस कमी को दूर किया जा सके।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी बैंक प्रबंधकों को हिदायत दी है कि रोजगार परक योजनाओं के लिए अधिक से अधिक ऋण स्वीकृत करें। जिससे कि ऋण जमा अनुपात (सीडी रेस्यू) की स्थिति में सुधार हो सके। बैठक में सभी बैंक प्रबंधक अपनी पूरी तैयारी के साथ आएं कि कितने आवेदन पत्र बैंक को प्राप्त हुए हैं कितनों को स्वीकृत किया गया है तथा कितनों पर आपत्तियां हैं। इसकी पूर्ण विवरण के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। एनआरएलएम के तहत अधिक से अधिक महिला समूहों को भी लाभान्वित करने के भी उन्होंने निर्देश दिए हैं।
बैंक प्रबंधकों को दिए ये दिशा-निर्देश
बता दें कि बैठक में खादी ग्रामोद्योग आयोग के कोई भी अधिकारी और प्रतिनिधि ने भाग नहीं लियाय़ जिस पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई तथा संबंधित विभाग को पत्र प्रेषित करने के निर्देश अग्रणी बैंक प्रबंधक को दिए गए। बैठक में अग्रणी बैंक प्रबंधक चतर सिंह ने सभी बैंक प्रबंधकों से कहा कि बैठक में जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सभी बैंक उस पर कड़ाई से अमल करते हुए विभिन्न विभागों के माध्यम से प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों को शीर्ष प्राथमिकता से स्वीकृत करते हुए लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।