देहरादून : बेटियों को लेकर शुरु से ही समाज में भेदभाव किया जाता रहा है। भले ही ये दावा किया जाता रहा हो कि बेटी बेटों के बराबर है लेकिन कहीं न कहीं और किसी न किसी कारण बेटियों के साथ किया भेदभाव सामने आ ही जाता है। वहीं बेटियों को बोझ ना समझ कर बेटों को बराबर माना जाने और उन्हें अवसर देने पर केंद्र और राज्य सरकार जोर दे रही है। साथ ही सरकार लिंगानुपात समान रखने का भी लक्ष्य लिए हैं। पीएम मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की जो रंग लाती दिखी। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बेटियों के लिए एक नेक पहल की शुरुआत की है। सीएम धामी ने आज मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया है। इस दौरान सीएम के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य भी मौजूद रहीं।
इस मौके पर सीएम और रेखा आर्य ने महिलाओं को किट बांटे। सीएम ने कहा कि महालक्ष्मी किट में बालिका होने पर जच्चा और बच्चा को सामग्री मिलेगा। वर्ष में 50 हजार जच्चा-बच्चा को योजना के तहत लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना को शुरू करने के साथ ही 16929 लाभर्थियों को योजना का लाभ दिया गया। सरकार का उद्देश्य उत्तराखंड में लिंगानुपात को समान करने का लक्ष्य भी है।