टोक्यो ओलिंपिक खेलों में भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने शानदार शुरुआत की। सेमीफाइनल में बजरंग पूनिया ने विपक्षी पहलवान को चित कर दिया और जीत हासिल कर फाइनल में पहुंचे। बजरंग पूनिया की इस उपलब्धि पर परिवार समेत गांव में खुशी का माहौल है। पूनिया के पिता का कहना है कि उनका बेटा गोल्ड मेडल लेकर आएगा। गांव में जश्न का माहौल है। गोल्ड मेडल के प्रबल दावेदार के रूप में उतरे बजरंग ने क्वॉर्टर फाइनल में जिस तरह से अपने विपक्षी को चित किया उससे यह साफ हो गया कि आने वाले मुकाबलों में वह किसी को नहीं छोड़ने वाले हैं।
क्वॉर्टर फाइनल में बजरंग के सामने थे ईरान के मुर्तजा चेका घियासी। शुरुआत में बजरंग 0-1 से पिछड़ रहे थे लेकिन जब मुर्तजा ने उनकी टांग पकड़कर फंसाने की कोशिश की तो उल्टा वह बजरंग के ग्रिप में फंस गए। इसके बाद बजरंग ने ईरानी पहलवान को पलटते हुए उसके कंधे जमीन पर लगाकर चित कर मुकाबले को वहीं खत्म कर दिया।बजरंग शानदार जीत के साथ 65 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। माकुहारी मेसे हॉल-ए, मैट-ए पर हुए क्वार्टर फाइनल मैच में बजरंग ने ईरान के मुर्तजा घियासी चेका को 2-1 से हराया।बजरंग को विक्ट्री बाई फॉल के आधार पर जीत मिली। पहले पीरियड की समाप्ति के बाद एशियाई खेल चैम्पियन बजरंग 0-1 से पीछे थे लेकिन दूसरे क्वार्टर में 2 अंक लेकर वह 2-1 से आगे हो गए। अंतिम एक मिनट में बजरंग ने अपना दांव खेला और ईरानी पहलवान को चित्त कर दिया। इसी के साथ उनकी जीत हो गई।
इससे पहले, बजरंग एक मुश्किल जीत के साथ 65 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। इस मुकाबले में बजरंग का सामना किर्गिस्तान के इरनाजार अकमातालेव से था। अंतिम स्कोर 3-3 रहा लेकिन चूंकी वह पहले पीरियड में अधिक अंक जुटाने में सफल रहे, लिहाजा विजेता करार दिए गए। पहले पीरियड की समाप्ति तक बजरंग 3-1 से आगे थे। दूसरे पीरियड में इरनाजार ने तीन अंक जुटाए लेकिन ये अंक एक-एक करके आए।