देश के लिए बुरी खबर है जी हां बता दें कि देश ने एक जांबाज अफसर को दिया है. मिली जानकारी के अनुसार कैप्टन श्रेयांश कश्यप का निधन हो गया है जी ने कड़ी मेहनत के बाद 2 साल पहले ही कमीशन प्राप्त हुआ था और मां ने बेटे के कंधे पर सितारे सजाए थे लेकिन आज उस घर में मातम छा गया है और कोहराम मचा हुआ है.
आपको बता दें कि मेरठ के कैप्टन श्रेयांश भारतीय सेना की 27 माउंटेन डिवीजन के साथ उत्तरी सिक्किम के योंग्दी में तैनात थे। शुक्रवार को हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। वह 108 इंजीनियर रेजिमेंट के साथ सिक्किम के विभिन्न क्षेत्रों में 15 हजार तक की ऊचाइयों पर विभिन्न आउटपोस्ट को दुरस्त करने के कार्य में जुटे थे। 27 मई को ड्यूटी के दौरान उन्हें सीने में दर्द उठा। प्राथमिक उपचार में स्थित नहीं सुधरने पर उन्हें छंगथांग स्थित 327 पुील्ड अस्पताल ले जाया गया और उसी दिन दोपहर पौने तीन बजे डायलसिस पर रखा गया। 28 मई को रात दस बजे कैप्टन श्रेयांश ने अंतिम सांस ले ली।
मेरठ में ही पावर ग्रिड में कार्यरत कैप्टन श्रेयांश के पिता शिव गोविंद सिंह पिछले एक साल से अरुणाचल प्रदेश में ही कार्यरत थे। उन्हें 27 की शाम को बेटे की हालत नाजुक होने की सूचना मिली। शिव गोविंद डिबरूगढ़ होते हुए बागडोगरा पहुंचे।
पिता शिव गोविंद ने बताया कि श्रेयांश को पहाड़ों पर आक्सीजन की कमी के कारण दिल का दौरा पड़ा। महज 24 घंटे में सात बार दिल का दौरा पड़ा चुका था और आठवीं पर उनके सामने ही दौरा पड़ा और बेटे की मौत हो गई।
जानकारी मिली है कि कैप्टन श्रेयांश को बचपन से ही सेना में भर्ती होने का जज्बा था और वह लगाता है सना में जाने की तैयारी कर रहा था। 8 जून 2019 को ही द बांबे सैपर्स में कमीशन हुए और 108 इंजरीनयरिंग रेजिमेंट में तैनाती मिली। कैप्टन श्रेयांश पढ़ने लिखने में काफी होशियार थे और बचपन से ही खेलकूद में आगे रहे हैं। सेना में भर्ती होने के दो साल ही हुए थे और अभी उनकी शादी भी नहीं हुई थी। परिवार शादी की तैयारी करता इससे पहले ही श्रेयांश का निधन हो गया। बेटे की शादी खबर से परिवार में कोहराम मच गया है लोग सांत्वना देने घर पहुंच रहे हैं।