देश के सबसे बड़े एडटेक प्लेटफॉर्म बायजूस के पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए सैलरी नहीं है और कंपनी के ऊपर इतना आर्थिक संकट आ गया है कि नकदी संकट के बीच अब बायजूस के फाउंडर रविन्द्रन ने अपना घर तक गिरवी रख दिया है।
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार बायजूस के कर्मचारियों की सैलरी अटकी हुई है और कंपनी में नकदी का संकट बढ़ता जा रहा है। स्टाफ को सैलरी मिलने में हो रही देरी के बीच बायजूस के फाउंडर रविन्द्रन ने कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित अपने घर को गिरवी रखकर पैसे जुटाए हैं, जिनसे कर्मचारियों को सैलरी दी जाएगी। बता दें कि इस कंपनी का काफी लंबे समय से आर्थिक संकट चल रहा है और साथ ही कर्ज देने वाले संस्थाओं के साथ कंपनी की कानूनी लड़ाई भी जारी है।
12 मिलियन डॉलर के लिए घर रखा गिरवी
जानकारी सामने आई है कि बेंगलुरु में बायजू रविनद्रन के परिवार के स्वामित्व वाले दो घर और एप्सिलॉन में उनका निर्माणाधीन विला है, जिसे उन्होनें 12 मिलियन डॉलर उधार लेने के लिए गिरवी रख दिया है। इससे मिली रकम का इस्तेमाल एडटेक कंपनी ने पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट में 15,000 कर्मचारियों को वेतन देने के लिए किया है। हालांकि इस संबंध में बायजूस प्रबंधन की ओर से अभी कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
क्यों लिया बायजू फाउंडर ने यह फैसला
बता दें कि इस स्टार्टअप पर करीब 800 मिलियन डॉलर का लोन है और हाल ही में बायजूस 1.5 अरब डॉलर के टर्म लोन का ब्याज चुकाने में असफल रही थी, जिसे लेकर उसे कानूनी लड़ाई का सामना भी करना पड़ा है। कंपनी में जारी उथल- पुथल और नकदी संकट के चलते जहां बायजूस की वैल्युएशन पर असर पड़ा है, तो वहीं कर्मचारियों के सामने भी सैलरी संकट गहरा गया है, इसे कम करने के लिए बायजू फाउंडर रविन्द्रन ने बड़ा फैसला लिया है।

बायजूस पर FEMA की नई मुसीबत
आर्थिक संकट में फंसे बायजूस पर FEMA की नई मुसीबत भी है। बीते दिनों ईडी की जांच में सामने आया था कि कंपनी को 2011 से 2023 के समय में करीब 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। वहीं कंपनी ने इसी अवधि के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर विदेशों में करीब 9,754 करोड़ रुपये भेजे हैं। इसे लेकर कंपनी के कई परिसरों में तलाशी और जब्ती अभियान भी चलाया था। ईडी ने कंपनी के खिलाफ मिल रही शिकायतों के आधार पर बायजूस के खिलाफ जांच शुरु की थी। अपनी जांच में निदेशालय ने पाया कि कथित तौर पर FY2020-21 से कंपनी ने अपना फाइनेंशियल डाटा तैयार नहीं किया और अकाउंट्स का ऑडिट नहीं कराया, जो कि अनिवार्य है। ईडी के मुताबिक, कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की वास्तविकता की बैंकों से भी जांच की जा रही हैं। जांच के दौरान कंपनी फाउंडर बायजू रविन्द्रन को कई समन भी जारी किए गए।