aye mere watan ke logo…देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हर एक देश प्रेमी के दिल में होता है। हर एक नागरिक अपने देश के लिए अपनी जान भी देने के लिए तैयार रहता है। सरहद पर हमारे देश के जवान अपनी जान पर खेलकर देश की रक्षा करते है। देशभक्ति को हमेशा से ही हिंदी सिनेमा ने बड़े बड़े पर्दे पर काफी बखुबी से दिखाया है।
बालीवुड और देशभक्ति का काफी पुराना नाता रहा है। आजादी से पहले से भी ज्यादातर देशभक्ति और देशप्रेम से जुड़ी फिल्मों का निर्माण होता है। आजादी के बाद और आज तक भी देशभक्ति से जुड़ी फिल्में बड़े पर्दे पर प्रदर्शित होती रहती है। देश के प्रति इस मोहब्बत को हिंदी सिनेमा ने बखूबी से व्यक्त किया है।
फिर चाहे वो देशभक्ति से जुड़ी फिल्में हो या फिर गाने। देशभक्ति से जुड़े आज भी कई ऐसे गाने है जो काफी लोकप्रिय है। समय के साथ इन गानों की लोकप्रियता में इजाफा ही हुआ है। इन्हीं में से एक बेशक़ीमती गीत है जो हर व्यक्ति की जुबा पर आज भी छाया हुआ है। देश के प्रति अपनी मोहब्बत इजहार करने के लिए इससे अच्छा गीत शायद ही कोई हो। ये गीत है ‘ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आंख में भर लो पानी…(Aye Mere Watan Ke Logo)।’
फेमस देशभक्ति गीत e mere watan ke logo Song
‘ऐ मेरे वतन के लोगों(aye mere watan ke logo) ज़रा आंख में भर लो पानी’ जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो क़र्बानी…’। देशभक्ति पर आधारित ये फेमस गीत आप सब ने अपने जीवन में एक ना एक बार तो सुना ही होगा। कुछ लोगों को तो इस गाने के बोल (e mere watan ke logo lyrics in hindi) भी याद होंगे। इस गीत को कवि प्रदीप ने लिखा था। तो वहीं इसे संगीत से सजाने वाले सी.रामचंद्रा थे। इस गाने को अपनी दिलकश आवाज दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर ने दी है। उनकी मधुर आवाज में ये गीत सुनकर देश के प्रति और देशभक्ति की भावना जाग जाती है।
ये गीत साल 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के समय शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाया गया था। सबसे पहले इस गीत को लता मंगेशकर ने 27 जनवरी 1963 को नई दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में गाया था। इस कार्यक्रम में तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू शामिल थे।
Aye Mere Watan Ke Logo Song Details
- सांग टाइटल Aye Mere Watan Ke Logo
- सिंगर Lata Mangeshkar
- लिरिक्स Kavi Pradeep
- म्यूजिक C. Ramchandra
गाने के बोल (aye mere watan ke logo lyrics in hindi)
ऐ मेरे वतन के लोगों..
तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो
सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो..
कुछ याद उन्हें भी कर लो..
जो लौट के घर न आए
जो लौट के घर न आए
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला..
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त-समय आया तो
कह गए के अब मरते हैं
जब अन्त-समय आया तो
कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों..
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
तुम भूल न जाओ उनको
इस लिये कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द की सेना
जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द की सेना
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द..
काफी लोकप्रिय है ये गीत
अक्सर भारत में ऐ मेरे वतन के लोगों (aye mere watan ke logo) ज़रा आंख में भर लो पानी गीत सार्वजनिक कार्यक्रमों और समारोहों या फिर देशभक्ति से जुड़े समारोह में प्रस्तुत किया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में भी इसे विशेष मौकों पर गाया जाता है। यू तो कई फेमस गायकों ने इस गाने को अपनी आवाज में दोहराया। लेकिन ऐ मेरे वतन के लोगों में लता मंगेशकर की प्रस्तुति सबसे ज्यादा लोकप्रिय रही।
ये गाना राष्ट्रीय गान “जन गण मन”, राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” और “सारे जहां से अच्छा” के बाद सबसे लोकप्रिय देशभक्ति गीतों में से एक है। आप इस गाने को यूट्यूब पर भी सुन सकते हैं।
कैसे लिखा गया ये गीत?
ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाने की रचना के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। साल 1962 में भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक खास प्रोग्राम के आयोजन का फैसला किया गया। इस खास मौके के लिए एक देशभक्ति गीत की जरूरत थी। जो लोगों के अंदर देश के प्रति प्रेम की भावना को उजागर कर सके।
ऐसे में इस खास गीत की जिम्मेदारी फेमस कवि प्रदीप को दी गई। कहा जाता है कि इस गीत के बोल उनके मन में मरीन ड्राइव पर टहलते-टहलते आया। दरअसल उस समय एक दिन प्रदीप मुंबई के मरीब ड्राइव पर टहल रहे थे। तभी उन्हें इस गाने की शुरुआती पंक्तियां मन में आईं।
“ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख में भर लो पानी…”
लेकिन गाने के बोल लिखने के लिए उनके पास कागज नहीं था। जिसके चलते उन्होंने सिगरेट के पैकेट के पीछे गाने के बोल को लिखा। इसके बाद पूरी रात जागकर उन्होंने इस गीत के बोल को लिखा।
गाने के बोल को म्यूजिक देने की जिम्मेदारी संगीतकार सीं रामचंद्र को दी गई। तो वहीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने इस गीत को अपनी आवाज दी। 27 जनवरी 1963 को पहली बार दिल्ली के रामलीला मैदान में इस गीत को गाया गया। जिसे सुनकर लोग भावुक हो गए। माहौल इतना भावुक हो गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भी आंखे नम हो गई थी।
कवि प्रदीप ने इस गीत से हुई कमाई को सैनिक कल्याण कोष में दान दे दी। तो वहीं लता मंगेशकर ने भी इस गाने के लिए किसी भी तरह की फीस नहीं ली। ये गाना ना केवल देशभक्ति की भावना को जगाता है। बल्कि ये सैनिकों के सम्मान का भी प्रतीक है। आज भी जब ये गीत कहीं बजता है तो हर भारतीय की आंखें नम, सीना चौड़ा और सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है।
Aye Mere Watan Ke Logo written in English
Aaaa… aaaaa
aye mere vatan ke logon
tum khoob laga lo naara
Ye shubh din hai ham sab ka
lahara lo tiranga pyaara
par mat bhoolo seema par
veeron ne hai praan ganvaaye
kuch yaad unhein bhi kar lo
jo laut ke ghar na aaye
Aye mere vatan ke logon
zara aankh mein bhar lo paani
jo shaheed hue hain unki
zara yaad karo qurbaani
Aye mere vatan ke logon
zara aankh mein bhar lo paani
Jo Shahid Hue Hein Unki
Zaraa Yaad Karo qurbaani
Jab ghayal hua himaalay
khatre mein padi aazadi
jab tak thi saans lade vo
jab tak thi saans lade vo
phir apni laash bichha di
sangeen pe dhar kar maatha
so gaye amar बलिदानी
Jo Shahid Hue Hein Unki
Zaraa Yaad Karo qurbaani
Desh mein thi diwali
vo khel rahe the holi
jab ham baithe the gharon mein
vo jhel rahe the goli
the dhanya javaan vo aapane
thi dhanya vo unaki javaani
Jo Shahid Hue Hein Unki
Zaraa Yaad Karo qurbaani
Sikh koi jaat maraatha
koi gurakha koi madaraasi
sarahad pe maranevaala
har veer tha bhaaratavaasi
jo khoon gira parvat par
vo khoon tha hindustaani
Jo Shahid Hue Hein Unki
Zaraa Yaad Karo qurbaani
Khoon se lath-path kaaya
phir bhi bandook uthaake
das-das ko ek ne maara
phir gir gaye hosh ganva ke
jab ant-samay aaya to
kah gaye ke ab marate hain
khush rahana desh ke pyaaron
ab ham to safar karate hain
khush rahana desh ke pyaaron
ab ham to safar karate hain
log the vo deewane
kya log the vo abhimaani
jo shaheed…
Tum bhool na jaao unko
is liye kahi ye kahaani
jo shaheed…
jay hind jay hind ki sena
jay hind jay hind ki sena
jay hind, jay hind, jay hind