भ्रष्टाचार को लेकर सरकार कई बार चेतावनी जारी कर चुकी है कि किसी भी हाल में भ्रष्टाारी बर्दास्त नहीं की जाएगी लेकिन कुछ विभागों में घूस लेने का काम सरेआम किया जा रहा है। जब तक जेब ना भरो कई काम रुक जाते हैं और भारी भरकम रकम देने पर काम तुरंत हो जाता है। वहीं ऐसा ही कुछ किया गोरखपुर में एक दारोगा ने। दारोगा ने काम के नाम पर 10 हजार की रिश्वत ली और सीधे सलाखों के पीछे चला गया। बता दें कि मामला संतकबीर नगर का मंगलवार का है जहां एंटी करप्शन टीम ने एक दारोगा को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। एंटी करप्शन टीम सादे वेश में दारोगा के घर पहुंची और उसे बनियान तौलिए में ही उठा ले गई। आपको बता दें कि दारोगा 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ है.
मिली जानकारी के अनुसार धनघटा थानाक्षेत्र के करमा गांव के निवासी अब्दुल्लाह पुत्र किस्मत हुसैन का गांव के ही एक व्यक्ति से विवाद हो गया था। काफी प्रयास के बाद अब्दुल्लाह की तहरीर पर मुकामी पुलिस ने दोषियों के खिलाफ इस साल 8 मई को मुकदमा दर्ज किया था। बावजूद इसके माृमले में रिपोर्ट नहीं लग पा रही थी। मामले की जांच कर रहे धनघटा थाना के दारोगा राममिलन यादव रिपोर्ट लगाने के लिए अब्दुल्लाह से 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहे थे. उनके पास इतने पैसे नहीं थे। उन्होंने दारोगा से कम में काम करने की अपील की लेकिन दारोगा ने कम में काम करने में इंकार कर दिया। वो परेशान हो गए थे जिसके बाद अब्दुल्लाह ने एंटी करप्शन टीम गोरखपुर से दारोगा की शिकायत कर दी।
अब्दुल्लाह की शिकायत पर कुछ दिन पहले एंटी करप्शन टीम के सदस्य जिले में आए थे लेकिन दारोगा नहीं मिले थे। एंटी करप्शन गोरखपुर की टीम के इंस्पेक्टर रामराधा मिश्र समेत कई साथी सादे कपड़े में मंगलवार को दोपहर के 12.44 बजे धनघटा थाना के निकट स्थित दारोगा राममिलन यादव के आवास के पास पहुंची। बनियान और तौलिया पहने धनघटा थाने के दारोगा राममिलन यादव को उठा ले गई। ये मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है। दारोगा 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए तभी एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने दारोगा को रंगेहाथ दबोच लिया।