प्रदेश की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के तस्वीरें अक्सर सामने आती हैं जिस से प्रदेश सरकार के दावों की पोल खुल जाती है। बीते दिन ही पिथौरागढ़ की एक महिला की मौत इलाज ना मिलने के कारण हो गई थी। अब टिहरी से ही ऐसी ही खबर सामने आई है। जहां इलाज ना मिलने के कारण एक गर्भवती महिला की मौत हो गई।
इलाज ना मिलने के कारण गर्भवती महिला की मौत
टिहरी गढ़वाल जिले में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के कारण एक और महिला की मौत हो गई। प्रतापनगर में प्रसव पीड़ा होने पर परिजन रामचंद्री देवी (32) पत्नी धनपाल को बुधवार सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौंड लंबगांव ले गए। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन घंटे के बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी। जिस पर डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल बौराड़ी के लिए रेफर कर दिया। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया।
प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले गए थे परिजन
आपको बता दें कि बुधवार सुबह रामचंद्री देवी (32) पत्नी धनपाल को प्रसव पीड़ा होने लगी। जिसके बाद परिजन उसे सुबह नौ बजे सीएचसी चौंड ले गए। यहां पर डॉक्टरों ने रामचंद्री देवी का सामान्य प्रसव होने की बात कही। जिसके बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। लेकिन तीन घंटे बाद रामचंद्री देवी की हालत बिगड़ने लगी।
जिस पर डाॅक्टर ने उसे रेफर करने की सलाह देते हुए आपातकाल एंबुलेंस सेवा 108 को फोन किया। जिसके बाद करीब पौने एक बजे एंबुलेंस अस्पताल पहुंची। जिसके बाद परिजन उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल बौराड़ी के लिए लेकर गए। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय पर डॉक्टर्स रेफर करने की बात बता देते तो रामचंद्री देवी की जान बचाई जा सकती थी।
अस्पताल का कहना कुछ और ही
गर्भवती महिला की मौत के बारे में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्रसव पीड़ा के दौरान महिला को मिर्गी का दौरा पड़ गया था। ऐसी स्थिति आने पर केस काफी रिस्की हो जाता है। इसलिए उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया था। हालांकि इससे पहले महिला को मृगी आने की हिस्ट्री नहीं है।
चिकित्सकों की कमी के कारण लोगों को हो रही परेशानी
उत्तरकाशी जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। स्थानीय लोग लगातार अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए मांग कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कानों में जूं तक नहीं रेंगी। यहां तक की इलाज के अभाव में लोगों की मौत हो रही है। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति का खामियाजा गर्भवती महिलाओं के साथ ही अन्य मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
चार महीने पहले भी एक गर्भवती की हो गई थी मौत
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा का कहना है कि जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं के हालात बद से भी बदतर हो गए हैं। चार महीने पहले आठ अक्तूबर को ओनालगांव की गर्भवती देवकी देवी (28) पत्नी जगमोहन की भी ऐसी ही इलाज ना मिल पाने के कारण मौत हो गई थी।
पिथौरागढ़ में भी इलाज ना मिलने के कारण हुई महिला की मौत
बीते दिन भी सरकार के दावों की पोल खोलती एक खबर पिथौरागढ़ से सामने आई थी। जहां सड़क ना होने के कारण एक महिला को समय पर इलाज नहीं मिल पाया और महिला की मौत हो गई। इस से भी ज्यादा दुखद तो ये था कि महिला की मौत की खबर बाहर आने में पांच दिन लग गए थे। हैरानी की बात तो ये है कि ये गांव कोई आम गांव नहीं है। इस गांव के नौ लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया है। इसके साथ ही इसी गांव का एक जवान वीर चक्र विजेता भी है।