यूपी के कानपुर से मध्य प्रदेश के सागर तक के लिए नेशनल हाइवे का निर्माण किए जाने का प्रस्ताव पास हो गया है। इस हाइवे की मंजूरी मिलने के बाद कानपुर से महोबा तक के 96 गांवों की लॉटरी लग गई है। आने वाले समय में इन गांवों की तस्वीर बदल जाएगी। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इस परियोजना के लिए डीपीआर बनाने की मंजूरी दे दी है।
मुंबई तक की यात्रा होगी सरल
कानपुर से सागर तक बनने वाली इस ग्रीन हाइवे के बन जाने से मुंबई तक की यात्रा सरल हो जाएगी। इसके बन जाने से कानपुर-सागर हाइवे पर यातायात का दबाव कम होगा। वर्तमान में कबरई से कानपुर के बीच नियमित एक्सीडेंट होते रहते हैं। इस वजह से खूनी हाइवे भी कहा जाने लगा है। इस हाइवे को ग्रीन हाइवे बन जाने से हादसों में कमी आने की उम्मीद की जा रही है। इस ग्रीन हाइवे के बन जाने से 96 गांवों का विकास होगा। इन इलाकों में क्षेत्रीय विकास, रोजगार के अवसरों, पर्यटन, कृषि और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इससे यहां के स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचेगा। जिसके वजह से आर्थिक क्षेत्र मजबूत होगा।
जाम से मिलेगा छुटकारा
कानपुर-सागर हाईवे के बन जाने से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों से आने-जाने वाले भारी वाहनों को सहूलियत होगी। साथ ही साथ इसके बन जाने से ट्रैफिक में भी कमी आएगी। वहीं इस ग्रीन हाईवे की कुल लंबाई की बात करें तो ये 112 किलोमीटर लंबा बनने वाला है। ये हाईवे कानपुर नगर, महोबा, हमीरपुर और फतेहपुर से होकर गुजरेगी।