Shri Krishna Janmashtami का त्योहार हिंदू धर्म में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वैदिक पंचाग के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव होता है। इसी दिन लोग उपवास रखते हैं। रात के समय भगवान को स्नान आदि करा कर 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

इस बार बन रहा काफी शुभ योग
इस बार जन्माष्टमी में काफी शुभ योग बन रहा है। जैसा योग भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय बना था वैसा ही इस साल 2024 में बन रहा है। बता दें कि इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त सोमवार को मनाया जा रहा है। इस बार 30 साल बाद कुंभ राशि में शनि देव स्थित होंगे। ऐसे में वह शश नाम का राजयोग बना रहे हैं। जो कि दुर्लभ संयोग है। वहीं इस गिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग से शुभ कार्य करने वाले और पूजा- अराधना करने वालों प विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इस मंत्र का करें जाप
ओम देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तत्रो कृष्ण:प्रचोदयात
Shri Krishna Janmashtami पारण का समय
वैदिक पंचाग के अनुसार 27 अगस्त को शाम 3 बजकर 38 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो रहा है। इसके बाद आप सूर्यास्त से पहले व्रत का पारण कर सकते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त
निशिता पूजा का समय- 26 अगस्त की रात 12 बजकर 06 मिनट से रात 12 बजकर 51 मिनट तक।
पूजा अवधि- 45 मिनट
पारण समय- 27 इगस्त दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर
चंद्रोदय समय- रात 11 बजकर 20 मिनट पर