हरिद्वार : बजरंगबली हनुमान जी सभी सनातन हिन्दू धर्म की आस्था का केंद्र है लेकिन समाज मे बढ़ रही कुछ कुरीतियों ने हनुमान जी को भी नहीं बख्सा। जी हां मामला हरियाणा के अम्बाला का है जहां अहंकार के अंधकार में डूबी एक महिला ने अपने आर्थिक फायदे के लिए और भूमि हड़पने के लिए हनुमान जी के मंदिर को ही तोड़ दिया मामला चोंका देने वाला है। जब मन्दिर के कुछ भक्तों ने मन्दिर का पुनः निर्माण शुरू किया तो एक ने मन्दिर में चल रही पूजा में पहुंचकर विघ्न डाल दिया और मूर्ति पर चढ़ाया हुआ प्रसाद महिला ने उठाकर फेंक दिया। जिससे मन्दिर की व्यवस्था खराब हो गयी,जब इस मामले की जानकारी सन्तो को मिली तो घटना की सूचना सुनकर सन्तो में रोष व्याप्त हो गया।
अम्बाला छावनी में सिविल अस्पताल के नजदीक परशुराम चौक पर 60 साल पुराना हनुमान मंदिर स्तिथ था। बताया जा रहा है कि जब अम्बाला शाह फोरलेन निर्माण शुरू हुआ तो महिला ने नगर निगम से सांठगांठ कर मन्दिर को हटाने का षड्यंत्र शुरू किया ।वही इस मामले में हनुमान मंदिर की रक्षा के लिए विश्व हिन्दू परिषद और अन्य हिन्दू संघटन मन्दिर में पूजा अर्चना शुरू करने लगें तो वहां पर भी महिला द्वारा गलत गस्तिविधि करने का प्रयास किया गया, वही जब मामले की जानकारी पुलिस को दी गयी तो प्रशासन ने इस प्रकरण में कोई ठोस कार्यवाही नही की।
बताया जा रहा है कि मंजू नाम की महिला पर पूर्व में भी आपराधिक मामले दर्ज है लेकिन पुलिस द्वारा प्रकरण में कोई ठोस कार्यवाही नही हुई तो सन्तो में रोष बढ़ जिसकी चिंगारी अब हरिद्वार में बैठे संतो तक पहुँच गयी जिसको लेकर सन्तो ने हरिद्वार स्तिथ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही करने की मांग की।
श्रीमहंत देवानन्द सरस्वती ने कहा कि अम्बाला में जो प्रकरण हुआ है बहुत ही दुःखद घटना है और हिन्दू आस्था के साथ खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा की मन्दिर में मंजू नाम की अधर्मी महिला ने जो तोड़फोड़ करवाई है उसके विरुद्ध जल्द से जल्द कार्यवाही की जाए नही तो सन्त समाज उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी ।