देहरादून: उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं को विवादों से लंबा नाता रहा है। यहां भर्तियां अस्कर विवादों में घिर जाती हैं। भर्तियों को लेकर अक्सर मामले हाईकोर्ट तक पहुंच जाते हैं। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। हालांकि फिलमाल मामला विभाग और सरकार के बीच फंसा हुआ है, लेकिन इसमें नुकसान उन युवाओं को उठाना पड़ रहा है, जिन्होंने कड़ी मेहनत से इनमें सफलता हासिल की है।
दअरसल, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती निकाली थी। उस भर्ती प्रक्रिया को चलते हुए करीब 4 साल हो गए हैं, लेकिन भर्ती आज तक पूरी नहीं हो पाई है। इस भर्ती की बड़ी बात यह है कि इसमें युवाओं का चयन तक हो चुका है। उनको विभाग में ज्वाइन करना था। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 3 जनवरी 2017 को समूह ग के 221 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें यूजेवीएनएल यानी उत्तराखंड जल विद्युत निगम के भी सहायक भंडार पाल के 11 पद शामिल थे।
19 मई, 09 जून, 16 जून और 28 जून को परीक्षा कराई गई थी। यूजेवीएनएल के उम्मीदवारों के लिए परीक्षा 28 जून को हुई थी, जिसका रिजल्ट छह सितंबर 2019 को जारी हुआ था। जल विद्युत निगम ने 18 मार्च को चुने हुए उम्मीदवारों को प्रमाण पत्रों के वेरिफिकेशन के लिए बुलाया। लेकिन, 17 मार्च 2020 को ही वेरिफिकेशन को स्थगित कर दिया। तब से लेकर आज तक यूजेवीएनएल से कोई जवाब नहीं मिला।
कुछ चयनित उम्मीदवारों ने निगम में संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि अभी ऐसे कोई पद ही नहीं हैं। जल विद्युत निगम के एमडी का कहना है कि उन्होंने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अधियाचन भेजा था। आयोग ने अपनी चयन प्रक्रिया पूरी कर ली, लेकिन शासन स्तर से स्वीकृति नहीं मिल पाई। अब हमने शासन को रिमाइंडर भेजा हुआ है। शासन से जो भी आदेश मिलेंगे, भर्ती प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।