बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट ब्लॉक में है। यहीं संदेशखाली बंगाल का नया सियासी अखाड़ा बन चुका है। एक तरफ जहां संदेशखाली में महिलाओं के शोषण के खिलाफ विपक्ष आवाज बुलंद कर रहा है तो वहीं ममता सरकान ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं की संदेशखाली में एंट्री पर रोक लगा दी है। बीजेपी ममता सरकार को जंगलराज बता रही है तो वहीं बंगाल में कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को क्रूरता की रानी करार दिया है।
संदेशखाली जाने वाले सभी रास्ते सील
संदेशखाली जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है। सभी रास्तों में पुलिस और आरएएप का कड़ा पहरा है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। केंद्र सरकार का प्रतिनिधिमंडल जब संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रहा था तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद पुलिस और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी समेत सभी बीजेपी सांसदों से पुलिस की जोरदार बहस हुई। ममता सरकार का आरोप है कि, जो महिलाएं टीएमसी नेता शाबजहां शेख पर यौन शोषण और जमीन कब्जे के आरोप लगा रही हैं वो बीजेपी समर्थक है या बाहरी हैं। ऐसे में महिलाओं ने अपने आधार कार्ड दिखाकर बताया तो स्थानीय हैं और जुल्म को सियासत की आड़ में छिपाया नहीं जा सकता है।
पहले भी दंगे करा चुका है टीएमसी नेता शाहजहां
बता दें कि टीएमसी के फरार नेता शाहजहां शेख पर गंभीर आरोप लगे हैं। वे वही शाहजहां शेख है जिस पर पहले भी संदेशखाली इलाके में दंगे का आरोप लगा था। जब ईडी की टीम इसी शाहजहां के ठिकाने पर छापा मारने गई थी तो उसने ईडी पर जानलेवा हमला कराया था। लेकिन हैरानी की बात है कि, सीएम ममता बनर्जी अपने फरार नेता के बचाव में उतरी आई हैं।
क्या है आरोप?
आरोप है कि स्थानीय टीएमसी ऑफिस में ले जाकर शाहजहां शेख और उसके गुर्गे स्थानीय महिलाओं और लड़कियों पर दवाब बनाकर उनका जबरन यौन शोषण करते थे। जब महिलाओं ने आपबीती बताई तो लोगों ने स्थानीय टीएमसी ऑफिस में ईंट पत्थरों से धावा बोल दिया था। अब टीएमसी के ऑफिस में ताला लटका हुआ है और इस कार्यालय में बैठने वाले ज्यादातर लोग फरार हैं। यहां पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
गृह मंत्रालय करेगा मामले में हस्तक्षेप
वहीं इस पूरे मामले पर गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रामाणिक ने कहा, बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त हो गई है। मुख्यमंत्री मूकदर्शक बनकर बैठी हैं। जब शेख शाहजहां ने अत्याचार किया है तो इसका जवाब कौन देगा? हमने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। अगर ममता बनर्जी इस पर ध्यान नहीं देंगी तो केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय निश्चित रुप से हस्तक्षेप करेंगे।