पेरिस ओलंपिक 2024 में सभी देशों के एथलीट्स अपनी-अपनी कन्ट्री को मेडल जिताने में लगे हुए है। ऐसे में टूर्नामेंट से जुड़े कई विवाद भी सामने आ रहे हैं। टूर्नामेंट से जुड़ा ऐसा ही एक विवाद बीते दिन देखने मिला। जहां बॉक्सिंग मैच के शुरु होने के 46 सेकेंड बाद ही एंजेला कारिनी (angela carini) ने इमान खेलीफ (imane khelif) के साथ मुकाबला करने से मना कर दिया। इसके बाद खेलीफ को विजेता घोषित कर दिया गया।
जैसे ही ये खबर मीडिया में आई तो लोग इसपर सवाल उठाने लगे और देखते ही देखते ये विवाद इतना बढ़ गया कि इसने ओलंपिक के आयोजकों ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। ऐसे में चलिए जानते है कि आखिर कौन है इमान खेलीफ (Imane Khelif boxer from Algeria) औक क्यों ये मसला चर्चा का विषय बना हुआ है आइए जानते हैं।
क्या है पूरा मामला? जानिए
दरअसल एक अगस्त को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 66 किलोग्राम भारवर्ग बाउंट में इटली की एंजेला कारिनी और अल्जीरिया की इमान खेलीफ(Imane Khelif) की भिड़ंत हुई। लेकिन इस मुकाबले में थोड़े ही मुक्के चले थे कि इटली की एंजेला मैच से पीछे हट गईं। महज 46 सेकेंड में ही कारिनी ने मुकाबला छोड़ने का फैसला किया। ओलंपिक में ऐसा कुछ होना कोई आम घटना नहीं है। मैच छोड़ने के बाद ऐंजेला रिंग में ही रो पड़ी। रेफरी ने खेलीफ को विजेता घोषिक कर दिया।
मुकाबले के बाद जब ऐंजेला ने बताया की आज तक उन्होंने इतना जोरदार मुक्का कभी नहीं खाया। उनके लिए ये मुकाबला जारी रखना संभव नहीं था। ऐंजेला का ये बयान आते ही चारों ओर इसकी चर्चा होने लगी। सोशल मीडिया पर भी लोग ईमान के खेलने पर सवाल उठाने लगे।दरअसल ये पूरा विवाद अल्जीरिया के इमाल खेलीफ के लिंग जांच की वजह से हो रहा है।
कौन है इमान खेलीफ? (Who is Imane Khelif)
अल्जीरिया के इमान खलीफ एक ट्रांसजेडर बॉक्सर हैं। बता दें की बीते साल हुई विश्व चैंपियनशिप के दौरान वो जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट को भी पास नहीं कर पाए थे। जांच में उनका टेस्टोस्टेरोन लेवल काफी हाई था। जिसके चलते उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया । लेकिन ओलंपिक में जेंडर-इक्वालिटी की वजह से उन्हें एंट्री मिल गई।
जन्म से ही महिला थीं Imane Khelif
बात करें शुरूआत की तो खलीफ जन्म से एक महिला थीं। लेकिन उन्हें सेक्स डेवलपमेंट में विकार(DSDs) है। जिसकी वजह से पुरुष एथलीटों की तरह ही उनका टेस्टोस्टेरोन लेवल हाई है और उनके पास XY क्रोमोसोम भी हैं।
इसी वजह से वो जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट पास नहीं कर पा रही थी।इन हालातों में ओलंपिक के ऑर्गनाइजर्स का इमान को मैच खेलने देने पर सवाल उठ रहे हैं। लोग का कहना है कि महिला बॉक्सिंग मैच में पुरूष को आखिर क्यों उतारा गया।
साल 2018 में रखा बॉक्सिंग में कदम
बात करें खलीफ के बॉक्सिंग करियर की तो खलीफ के पिता उनके बॉक्सिंग में जाने के फैसले के खिलाफ थे। लेकिन खलीफ चाहते थे कि वो एक बड़े मंच में गोल्ड जीतकर आने वाली फ्यूचर जनरेशन को प्रेरित करें। साल 2018 में विशव चैंपियनशिप से उन्होंने प्रोफेशनल बॉक्सिंग में कदम रखा। कई बाद हार का स्वाद चखने के बाद साल 2022 में हुई अफ्रीकन चैंपियनशिप और अरब गेम्स 2023 में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
खलीफ ने विश्व चैंपियनशिप 2022 में भी रजत पदक अपने नाम किया था। बीते साल हुई विश्व चैम्पियनाशिप में उन्हें गोल्ड मेडल के मैच से पहले लिंग जांच में फेल होने के चलते ही डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था। ऐसे में सोशल मीडिया पर अभी तक इस मामले में बहस छीड़ी हुई है।