देहरादून : लंबे मंथन और कई बैठकों के बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष समेत उन नामों का ऐलान किया जो 2022 के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे और पार्टी को सत्ता में लाने की कोशिश करेंगे। बीते दिन कांग्रेस आलाकमान ने अपनी 2022 के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सेना तैयार कर नामों का ऐलान किया। इस ऐलान से कई दिग्गज खुश हुए तो वहीं कइयों की नाराजगी खुलकर सामने आई।
प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष और गणेश गोदियाल को अध्यक्ष की कमान
बता दें कि कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को बनाया तो वहीं पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को पार्टी की कमान सौंपी। उन्हे प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी गई। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव कमेटी की कमान सौंपकर पार्टी ने भविष्य की संभावनाओं की ओर भी इशारा किया है।पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर हरीश रावत खुश किया गया। वहीं बता दें कि कुमाऊं से भुवन कापड़ी और तिलक राज बेहड़ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया।वहीं गढ़वाल से पूर्व विधायक प्रो. जीत राम को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया तो वहीं रंजीत रावत को भी यह अहम जिम्मेदारी मिली। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कांग्रेस समन्वय समिति की कमान सौंपी गई। इसी तरह नव प्रभात, प्रदीप टम्टा, नेता प्रतिपक्ष स्व. इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश को भी महत्वूर्ण पद दिया गया और जरुरी जिम्मेदारी सौंपी गई।
हरीश धामी ने दी पार्टी छोड़ने की धमकी
लेकिन नाम के ऐलान के बाद नाराजगी भरे सुर सामने आने लगे हैं। भले ही साफ साफ ना कहा हो लेकिन धारचूला विधायक हरीश धामी की नाराजगी सबके सामने आ गई है। हरीश धामी ने चुनाव कमेटी की कुछ नई नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। कांग्रेसी नेता हरीश धामी के बाद अब पूर्व मंत्री नवप्रभात ने भी इस फेरबदल का विरोध जताया है। खबर है कि पार्टी छोड़ने की धमकी देने के बाद हरीश रावत ने धामी को फोन भी किया। हालांकि क्या बात हुई इसकी जानकारी नहीं है। बता दें कि खबर है कि हरीश धामी का कहना है कि मैं कोर कमेटी का सदस्य नहीं बनना चाहता हूं। नवप्रभात ने कमेटी की सदस्यता लेने से इनकार कर दिया है। वहीं हरीश धामी भी दो दिन के दौर पर ऊधमसिंह नगर रवाना हो गए हैं।