अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत बीते दिन सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुई थीं और उनके शिमला वाले घरके बाहर भी प्रदर्शन किया गया था। देश भर में विरोध के दौरान लोगों ने और अन्य पार्टियों ने कंगना को दिया गया पद्मश्री सम्मान वापस लेने की मांग की है। वहीं कंगना नेे भारत की आजादी को भीख बताने के बाद एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। इस बार कंगना ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया।
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कंगना ने मंगलवार को एक नए विवाद को जन्म देते हुए दावा किया कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी से कोई समर्थन नहीं मिला। उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र का मजाक उड़ाते हुए कहा कि दूसरा गाल आगे करने से ‘भीख’ मिलती है न कि आजादी। रनौत ने पिछले हफ्ते कहा था कि 1947 में भारत को आजादी नहीं, बल्कि ‘भीख’ मिली थी, असली स्वतंत्रता 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई।
कंगना ने अपने इंस्ट्राग्राम अकाउंट पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर महात्मा गांधी को निशाना बनाया और कहा कि अपने नायकों को समझदारी से चुनो। कंगना ने एक अखबार में छपी खबर को शेयर की है जिसमे लिखा है कि गांधी, अन्य नेताजी को सौंपने के लिए सहमत हुए थे। इस खबर में दावा किया गया है कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश जज के साथ सहमति बनी थी कि यदि बोस देश में एंट्री करते हैं तो वे उन्हें सौंप देंगे।
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