Dehradun : कांग्रेस बीजेपी की मिलीभगत आंदोलन को कुचलने की साजिश,दोनों दल हैं किसान हितों के विरोधी - कलेर - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कांग्रेस बीजेपी की मिलीभगत आंदोलन को कुचलने की साजिश,दोनों दल हैं किसान हितों के विरोधी – कलेर

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून : महीनों से वार्ता के नाम पर किसान आंदोलन को कुचलने की साजिश के पीछे बीजेपी कांग्रेस दोनों बड़ी शिद्दत से लगे हैं। ये कहना है आप प्रदेश अध्यक्ष एस एस कलेर का….एक बयान जारी करते हुए आप अध्यक्ष कलेर ने कहा। ये दोनों दल किसानों के आंदोलन को सफल नहीं होने देना चाहते। महज उनके आंदोलन और भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं ।

आप अध्यक्ष ने कहा,किसान आंदोलन को कृषि कानून को वापिस लेने की मांग करते हुए आंदोलन को 2 महीने से ज्यादा वक्त का समय हो गया है लेकिन केन्द्र की सरकार सिर्फ औपचारिक वार्ता से किसानों को बरगलाने का काम कर रही है। 11 दौर की वार्ता होने के बाद भी सरकार अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है और आंदोलन के दौरान आंदोलन और किसानों को बदनाम करने के पूरे प्रयास पर लगी है।

आप अध्यक्ष ने कहा कि इस साजिश में बीजेपी और कांग्रेस बराबर की ज़िम्मेदार है। आज किसानों को इस तरह से बदनाम किया जा रहा है जैसे किसान इस देश के नागरिक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाॅडरों पर जो किसानों के साथ बदनीयती के चलते किया जा रहा वो किसी अत्याचार से कम नहीं है, जो बड़े दुर्भाग्य की बात है ।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की मंशा किसानों के आंदोलन को पूरी तरह कुचलने की है। इसके लिए सरकार ने हर हथकंडा अपनाया भी। बाॅडर पर आंदोलन कर रहे किसानों की बिजली काट दी गई। उनके पानी की सप्लाई काट दी गई,उनके वैकल्पिक शौचायल हटा दिए गए। ये सब इसलिए किया गया ताकि किसान परेशान हों, और मजबूर होकर अपने घरों को लौट जाएं। उन्होंने कहा कि केन्द्र की हर साजिश नाकाम साबित हुई। लालकिले पर जो हुआ,उसके पीछे भी बीजेपी का हाथ था। अपने हक़ की लड़ाई लड़ने वाले ,बेकसूर किसानों पर केन्द्र सरकार ने मुकदमे दर्ज करने में देरी नहीं कर जबकि इसके साजिशकर्ता आज भी बेरोक टोक खुली हवा में सांस ले रहे हैं। आखिर क्यों पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। ये एक साजिश है जिससे किसानों को बदनाम किया जा सके।

आप अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल सिर्फ किसानों के नाम पर राजनीति करते हैं। किसानों पर पहले भी अत्याचार हुए लेकिन तब कांग्रेस के नेता चुप्पी साधे रहे और आज वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं समेत सभी कांग्रेसी नेता, किसानों के हिमायती बनने का दिखावा कर रहे हैं। आखिर तब ये लोग कहां सोए हुए थे जब बाॅडरों पर हजारों किसान डेरा डाले हुए थे और कई किसान अपनी शहादत भी इस आंदोलन में दे चुके हैं। इन दोनों ही दलों का एक जैसा हाल है जो सिर्फ किसानों का दमन करती हैं। इन्हें किसानों के सरोकारों से कोई मतलब नहीं है।

अब जब किसान अपने हक के लिए आंदोलन के साथ साथ महापंचायत कर रहे तो बीजेपी कांग्रेस दोनों दल ,इसपर भी राजनीति करने की कोशिशों में लगे हैं जिसे किसी भी हालत में किसानों के साथ अब खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।

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