बड़ी खबर बदरीनाथ से है जहां बद्रीश संघर्ष समिति ने ई-पास के विरोध में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन पूरी क्षेत्र में प्रतिष्ठान बंद रखने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि श्रद्धालुओं का चारों धामों में आने का सिलसिला जारी है लेकिन सीमित संख्या होने और ई-पास ना मिलने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। पुलिस ने उनकी बहस हो रही है। वहीं इससे चारोंधामों के व्यावसायी, होटल व्यवसायी नाराज हैं। क्योंकि होटलों की बुकिंग हो रखी है और लोग कम पहुंच रहे हैं जिस कारण बुकिंग कैंसिल हो रही है और उनके आगे आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है।
इस पर समिति के अध्यक्ष राजेश मेहता ने कहा कि पूर्व में जनसंघर्ष के बाद तीर्थों में श्रद्धालुओं को दर्शनों की अनुमति मिली। लेकिन सरकार ने दर्शनार्थियों की संख्या को सीमित कर स्थानीय लोगों के साथ छलावा किया है। ई-पास की व्यवस्था के कारण श्रद्धालु निर्धारित संख्या में भी बदरीनाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। महज 200-300 लोग की दर्शन कर पा रहे हैं। जबकि करीब 600 से अधिक दर्शनार्थी वापस लौट रहे हैं।
कहा कि शीतकाल के लिए कपाट बंद होने में अभी एक महीने का समय शेष है। इसलिए रोजगार की आस में यहां लगभग सभी होटल, लॉज, व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल हुए हैं। लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित होने से कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। कहा कि देशभर के लाखों लोग ई-पास की व्यवस्था के चलते दर्शनों के लिए नहीं आ पा रहे हैं।
बताया कि संघर्ष समिति ने दो अक्टूबर को पुरी क्षेत्र में प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया है। इस दिन समिति के बैनर पर ई-पास के विरोध में होटल, लॉज, व्यापारिक प्रतिष्ठान के बंद के साथ ही जुलूस प्रदर्शन भी किया जाएगा। उन्होंने सरकार से ई-पास की व्यवस्था को पूरी तरह से हटाने की मांग की है।