रुड़की : उत्तराखंड में एक बार फिर से सत्ता का रौब और हनक दिखी। देवभूमि में एक बार फिर से पुलिस अधिकारी को उसकी ड्यूटी निभाने से रोका गया। एक पुलिस अधिकारी को अपना कर्तव्य को सही तरीके से पूरा करने की सजा दी गई। जी हां हम बात कर रहे हैं मंगलौर कोतवाली के कोतवाल यशपाल बिष्ट की। बता दें कि कोतवाल यशपाल बिष्ट का ट्रांसफर कर दिया गया है और मंगलौर कोतवाली की जिम्मेदारी नए इंस्पेक्टर को सौंपी गई है। एक ईमानदार पुलिस अधिकारी को उसकी ड्यूटी करने के लिए ट्रांसफर की सजा दी गई। हालांकि इंस्पेक्टर द्वारा भी गाली ग्लौच की गई लेकिन ईमानदारी से ड्यूटी करने के बावजूद अगर किसी को घूसखोर कहा जाए तो गुस्सा आना लाजमी है। वहीं इंस्पेक्टर के पक्ष में कई लोग आ गए हैँ। हर कोई इस ट्रांसफर का विरोध कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने कैंपेन जारी किया है औऱ कोतवाल को सलाम किया है।
इस परिवार ने दी कोतवाल का ट्रांसफर होने पर आत्मदाह की चेतावनी
बता दें कि बीते दिन कोतवाली में हुए हंगामे और मारपीट के बाद मंगलौर कोतवाली के कोतवाल यशपाल बिष्ट का ट्रांसफर हो गया है। वहीं इनकी जगह इंस्पेक्टर अमरचंद शर्मा को कोतवाल का पदभार सौंपा गया है। बता दें कि जिस आरोपी को छुड़ाने भाजपा कार्यकर्ता कोतवाली गए थे, उसने ठगी की थी जिसके आऱोपी में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। वहीं अब पीड़ित परिवार ने सरकार और पुलिस विभाग को साफ चेतावनी दी कि अगर कोतवाल का ट्रांसफर होता है तो वो आत्मदाह करेंगे क्योंकि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है तो इसमे गलत क्या है। परिवार ने भाजपा के विधायकों समेत कार्यकर्ताओं पर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि बीते दिनों मंगलौर कोतवाली पुलिस ने ठगी के आरोपी को गिरफ्तार किया था। वहीं थोड़ी देर बाद भाजपा नेता उसे छुड़ाने कोतवाली पहुंचे थे। छोड़ने से इंकार करने पर कार्यकर्ताओं ने कोतवाली के बाहर धरना दिया था और नारेबाजी की थी। ये मामला तूल पकड़ता गया और कोतवाल के दफ्तर में पुलिस और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर गाली ग्लौच हुई।यहां तक की पुलिस ने लाठी डंडे से पीटकर भगाया। वहीं इसके बाद नेता और कार्यकर्ता पुलिस की शिकायत के लिए सीएम के पास पहुंचे थे।
परिवार ने दी कोतवाल का ट्रांसफर करने पर आत्मदाह की चेतावनी
एक और झबरेड़ा विधायक भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मंगलौर कोतवाल के स्थान्तरण को लेकर मुख्यमंत्री दरबार में पहुँचे. वही ठगी मामले में पीड़ित पक्ष ने आज प्रेस वार्ता कर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ ठगों का साथ देने का आरोप लगाया। पीड़ित पक्ष ने बताया कि अब से 2 वर्ष पहले रियालाइन्स कंपनी का डिस्टिब्यूशन दिलाने के नाम पर 5 लोगों ने उनके साथ ठगी की थी। जिसकी तहरीर उनकी पत्नी के द्वारा मंगलौर कोतवाली में दी गई थी। जिसके आधार पर पुलिस ने एक आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। जिसके बाद भाजपा के नेताओ ने मंगलौर कोतवाली का घेराव कर दिया और यह हाई टेक मामला देर रात तक चलता रहा। जिसके बाद पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई थी। आज पीड़ित पक्ष ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि भाजपा नेता पुलिस पर दबाव बनाकर ठगी के मामले की जाँच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मंगलौर कोतवाल का स्थानांतरण किया जाता है, तो वह आत्मदाह करने को बाध्य होंगे। क्योंकि उनके इस मामले में उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है।