इस साल भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। पर क्या आप जानते हैं देश की आजादी की घोषणा 14 अगस्त की आधी रात को ही कर दी थी। लेकिन आखिर क्यों ऐसा किया गया? आइये जानते हैं।
भारत के स्वतंत्र होने के आखिरी कुछ महीनों की कहानियों को लिखने वाले विदेशी इतिहासकार डॉमिनिक लैपियर और लैरी कॉलिंस ने अपनी पुस्तक फ्रीडम एट मिडनाइट में इस सवाल का जवाब दिया है। हिंदी में ये पुस्तक ‘आधी रात को आजादी’ के नाम से प्रकाशित हुई है।
14 तारीख को घोषणा करने के पीछे की वजह
इस कितान आधी रात को आजादी में बताया गया है कि 14 तारीख को ही आजादी की घोषणा करने के पीछे ज्योतिषों की राय थी। दरअसल ज्योतिषों का ऐसा मानना था कि किसी राष्ट्र को स्वतंत्रता दिए जाने जैसा शुभ और पवित्र कार्य 15 अगस्त को करना शुभ नहीं है। साथ ही ग्रह-नक्षत्र की स्थितियों के लिहाज से भी 15 अगस्त का दिन महत्तवपूर्ण काम करने के लिए ठीक नहीं है। ज्योतिषों ने कहा कि अगर 15 अगस्त की ही तारीख तय है तो इसका विकल्प निकाला जा सकता है। तब ज्योतिषों ने बीच का रास्ता निकालते हुए 14 अगस्त 1947 की आधी रात आजादी की घोषणा करने का सुक्षाव दिया।
‘आधी रात को आजादी’ की पुस्तक में लिखा ऐसा
ज्योतिषों ने कहा कि 15 अगस्त के मुकाबले 14 अगस्त के सितारे ज्यादा सही है। लिहाजा अगर 14 अगस्त को ठीक आधी रात में भारत और पाकिस्तान दोनों राष्ट्रों को आजाद किया जाए तो ये बेहतर होगा। ज्योतिषों द्वारा सुक्षाए गए इस विकल्प को वायसराय ने स्वीकार किया और फिर वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल भी बने। इसके साथ ही उन्हें इस बात का एहसास भी हुआ कि हर महत्तवपूर्ण और बड़े कार्य को करने से पहले ज्योतिषों की राय जरुर ले लेनी चाहिए। ऐसा आधी रात को आजादी की पुस्तक मे कहा गया है।