चिली के जंगलों में लगी भीषण आग से कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई है। चिली के राष्ट्रपति ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि पूरे मध्य और दक्षिणी चिली में लगी आग में अब तक 46 लोगों की मौत हो गई है। वाइल्डफायर की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की संभावना है। रेस्क्यू टीम में एहतियाती तौर पर जले हुए घरों की तलाशी ले रही है।
देश में आपातकाल घोषित
जानकारी के मुताबिक, जंगल में लगी आग फैलती जा रही है जिससे खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। भयानक आग को देखते हुए चिली की सरकार ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है। चिली की गृह मंत्री कैरोलिया तोहा ने बताया कि वर्तमान में देश के बीच और दक्षिण के 92 जंगल आग की चपेट में है, जहां इस हफ्ते तापमान असामान्य रुप से ज्यादा रहा है।
लगभग 1,100 मकान जलकर खाक
जंगलों में लगी भीषण आग के घनी आबादी वाले इलाके में फैलने से लगभग 1,100 मकान जलकर खाक हो गए हैं। वालपराइसो क्षेत्र में सबसे भीषण आग लगी। अधिकारियों ने अपने लोगों से घरों को नहीं छोड़ने का आग्रह किया ताकि दमकल की गाड़ियों, एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों को आवाजाही में आसानी हों।
9 हेलीकॉप्टर और 450 से ज्यादा दमकल कर्मी क्षेत्र में तैनात
वालपराइसो क्षेत्र में तीन आश्रय शिविर बनाए गए हैं। तोहा ने बताया कि बचाव दल अभी भी सबसे अधिक प्रभावित इलाकों तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चिली की गृह मंत्री ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि आग पर काबू पाने के लिए 19 हेलीकॉप्टर और 450 से ज्यादा दमकल कर्मियों को क्षेत्र में तैनात किया गया है।
देश के राष्ट्रपति का संबोधन
देश के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई है और मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है क्योंकि वालपराइसो क्षेत्र में चार स्थानों पर भीषण आग लगी है और दमकलकर्मियों को अत्यधिक खतरे वाले इलाकों तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। बोरिक ने चिलीवासियों से बचावकर्मियों के साथ सहयोग करने की अपील की है। उन्होनें कहा अगर आपको इलाका खाली करने के लिए कहा जाता है तो ऐसा करने मे संकोच न करें। आग से तेजी से फैल रही और जलवायु परिस्थितियों के कारण उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया है। तापमान उच्च है, हवा तेज चल रही है और आर्द्रता कम है।