उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad News) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है। जहां 30 साल पहले किडनैप हुआ लड़का अब अपने घर लौट आया है। जिसके बाद परिवार की खुशी का ठीकाना ही नहीं रहा। बता दें कि साल 1993 में नौ साल का लड़का अपनी बहन के साथ स्कूल से लौट रहा था। तभी उसे अगवा कर लिया गया। अपहरण के बाद किडनैपर का फिरौती के लिए एक कॉल भी आया था। लेकिन उनके बाद लड़का कहीं गायब हो गया। अब 30 साल बाद वो अपने परिवार के पास वापस आया है।
क्या है पूरा मामला
ये किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। इस लड़के का नाम भीम सिंह है। भीम सिंह उर्फ राजू साहिबाबाद का रहने वाला है। आठ अगस्त 1993 में उसका अपहरण होने के बाद परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की थी। लेकिन उसके बावजूद उसका पता नहीं चल पाया। कई साल बीतने के बाद पुलिस ने भी छानबीन बंद कर दी।
राजू से करवाते थे बंधुआ मजदूरी
खबरों की माने तो भीम को ऑटो ड्राईवर ने किडनैप किया था। जिसके बाद ऑटो वाले ने भीम को ट्रक वाले को बेच दिया। जिसके बाद ट्रक वाले ने उसे राजस्थान में कहीं बेच दिया। राजस्थान के जैसलमेर के एक सुदूर गांव में भीम से बंधुआ मजदूरी कराई जाती थी।
पुलिस के अनुसार दिल्ली के एक व्यवसायी ने भीम को इस बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया। व्यक्ति ने भीम से उसके घर परिवार की डिटेल मांगी। हालांकि भीम को थोड़ा सा ही अपने परिवार के बारे में पता था। व्यापारी ने भीम के द्वारा बताए गए डिटेल्स को लिखा। जिसके बाद भीम उस नोट को लेकर पुलिस के पास पहुंचा।
पुलिस ने राजू के परिवार को खोजा
भीम ने पुलिस को बताया कि वो नोएडा का रहने वाला है। परिवार में माता-पिता और चार बहनें हैं। साथ ही वो परिवार का इकलौता बेटा था। साथ ही उसने वो साल भी बताया जब उसे अगवा किया गया था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस को पुरानी फाइलों में 1993 की एक एफआईआर मिली।
राजू को खाने के लिए दी जाती थी सिर्फ एक रोटी
तीन दिन बाद ही पुलिस ने भीम के परिवार को खोजा डाला। भीम ने बताया कि राजस्थान में कई सालों तक उसने बंधुआ मजदूरी की। उसे पीटा जाता था और खाने के लिए शाम को केवल एक रोटी दी जाती थी। रात को उसे चैन से बांध दिया जाता था। ताकि वो भाग ना सके। आखिरकार इतने सालों बाद भीम वहां से भागने में सफल हुआ और दिल्ली के एक ट्रक में बैठ गया।