ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने आज प्रेंस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान ओडिशा चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने बताया कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की मौत हुई है। कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे जिस कारण संख्या 288 पहुंच गई थी। हादसे में 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
सिग्नल के साथ समस्या को बताया वजह
वहीं रेलवे बोर्ड की ओर से बताया गया कि शायद सिग्नल के साथ समस्या थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई थी, एस वक्त उसकी 128 किमी/घंटा थी। इसके अलावा हादसे की शिकार दूसरी ट्रेन यशवंतपुर एक्सप्रेस की रफ्तार 126 किमी/घंटा थी। इन ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 130 किमी/घंटा है। ऐसे में ओवरस्पीडिंग का कोई मामला नहीं बनता।
मालगाड़ी के डिब्बों में था लोहा
रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई थी। बताया गया कि मालगाड़ी में लोहा लदा हुआ था। इस वजह से मालगाड़ी के डिब्बे अपनी जगह से हिले भी नहीं और यही कारण है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के यात्रियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस दौरान यशवंतपुर एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। टक्कर के बाद पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बों से टकरा गए। इस वजह से यशवंतपुर एक्सप्रेस के डिब्बे भी पटरी से उतर गए।
हेल्पलाइन नंबर 139 सेवा में उपलब्ध
वहीं प्रेस कॉन्फेंस में बताया गया कि हमारा हेल्पलाइन नंबर 139 उपलब्ध है। यह कॉल सेंटर नंबर नहीं है, हमारे वरिष्ठ अधिकारी कॉल का जवाब दे रहे हैं और हम अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। घायल या मृतक के परिवार के सदस्य हमें कॉल कर सकते हैं।