देहरादून: कोरोना फिर से पैर पसार रहा है। कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के सामान्य रोगी तो जल्द ठीक हो रहे हैं, लेकिन शराब और अन्य नशा करने वालों पर कोरोना की दवाई कम असर कर रही है। उनको ज्यादा दवा देनी पड़ रही है। समय भी अधिक लग रहा है। ऐसे मरीजों पर डाॅक्टरों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है।
कोरोना के मरीजों के उपचार में जुटे विशेषज्ञ डाक्टरों के मुताबिक, रोजाना शराब या अन्य नशा करने वाले मरीजों में संक्रमण और उपचार में भी ज्यादा जोखिम सामने आ रहा है। मीडिया में छपे देहरादून में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोरोना के नोडल अफसर एवं वरिष्ठ छाती एवं सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि शराब या किसी भी नशे के अत्यधिक सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।
जिससे शरीर में कोई भी बीमारी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। ऐसे में मरीजों को संक्रमण के खतरे के साथ ही उन्हें इलाज में भी दवाओं की अतिरिक्त खुराक देनी पड़ रही है। शराब या अन्य नशे के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और कोशिकाएं कमजोर पड़ जाती हैं। साथ ही लीवर, फेफड़ों और किडनी समेत अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। इन परिस्थितियों में कोई भी संक्रमण तेजी से शरीर पर हमला करता है।
संक्रमण के बाद उपचार के दौरान भी इस तरह के मरीजों को अन्य मरीजों की अपेक्षा विभिन्न दवाओं की ज्यादा खुराक देनी पड़ती है। इस तरह के कई मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं जो नशे और शराब या अन्य किसी नशे के आदी होते हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना का टीका लगाने से 24 घंटे पहले और 24 घंटे बाद भी शराब या किसी अन्य तरह के नशे का सेवन न करें इससे शरीर में दिक्कत हो सकती है।