चोटिल भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार (+91) वर्ल्ड चैंपियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए। सतीश को प्री क्वार्टर फाइनल मैच में चोट लगी थी। इसके चलते वे माथे और ठुड्डी पर सात टांके लगवाकर रिंग में उतरे थे और 0-5 से हार गए। उन्हें जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल में दो कट लगे थे। दो बार के एशियाई खेलों के कांस्य-विजेता और कई बार के नेशनल चैंपियन सतीश ने ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करके इतिहास रच दिया था। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के पहले सुपर हैवीवेट बॉक्सर थे।
32 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज को सुबह क्वार्टर फाइनल में लड़ने के लिए चिकित्सा मंजूरी दी गई थी। मैच में बखोदिर जलोलोव का तीनों राउंड में दबदबा देखने को मिला और उन्होंने इस मुकाबले को 5-0 के फैसले से अपने नाम कर लिया। यूपी के बुलंदशहर के पूर्व कबड्डी खिलाड़ी ने अपने कट खुलने के जोखिम के बावजूद हमले करने में संकोच नहीं किया। सतीश के माथे का कट तीसरे राउंड के दौरान खुल गया,लेकिन इसके बाद भी वे लड़ते रहे। फुटबॉलर से बॉक्सर बने 27 वर्षीय जलोलोव ने अपने पहले ओलंपिक खेलों में पदक हासिल करने के बाद सतीश की बहादुरी की सराहना की।
इसके साथ ही ओलिंपिक खेलों में पुरुष मुक्केबाजी में भारत का अभियान खत्म हो गया। लवलीना बोर्गोहेन (69 किग्रा) सेमीफाइनल में जगह बनाई है। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में मुक्केबाजी में भारत का पहला और एकमात्र पदक सुनिश्चित किया है।