गुजरात के स्वामी रूद्रानंद गिरि शिष्य स्वामी परमेशानंद गिरि महाराज व श्रीमहंत मुक्तानंद व निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद के बीच कानूनी विवाद गहराता जा रहा है। जिसके चलते स्वामी रूद्रानंद ने पुलिस को दिए प्रार्थनापत्र में श्री पंच अग्नि अखाड़े की ओर से सहायक निबंधक फर्म सोसायटी एवं चीट्स कार्यालय वाराणसी में 12 मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी पेश करने का आरोप लगाया है।
महन्त गोपालानंद, गुरु प्रेमानंद और महन्त पुरुषोत्तमानंद, गुरु प्रेमानंद के मृत्यु प्रमाण पत्र बिलखा जुनागढ़ के प्रस्तुत किए गए। इसके साथ उन्होंने निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में 22 फरवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां अगली सुनवाई के लिए 15 मार्च की तारीख तय की गई है। स्वामी रूद्रानंद गिरि ने कहा कि यदि स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज सही हैं तो वे उनके सवालों को जवाब दें। स्वामी रूद्रानंद गिरि महाराज ने कहा है कि इस संबंध में भी उन्होंने शिकायत दर्ज करायी हुई है। उन्होंने कहा कि निरंजन पीठाधीश्वर यदि सवालों के जवाब दे देते हैं, तो माना जाएगा की वे सच कह रहे हैं।
ये हैं सवाल
1. गौमुखी गंगा और रावतेश्वर धर्मालय बिलखा जुनागढ़ गुजरात का महंत कब और कहां बनाया गया?
2. महंताई की चादर विधी में कौन-कौन लोग हाजिर रहे?
3. कलेक्टर जुनागढ़ को महन्त की नियुक्ति करने का आवेदन आपने दिया उस पर आपने हस्ताक्षर किए?
4. आपने सहमति पत्र पर कब हस्ताक्षर किए?
5. दिनांक 2 नवम्बर 2019 को आप कहां थे?
6. आपने इस सम्बन्ध में कोई कबुलात दी है?
7. क्या यह सही है कि आपने कबुलात पत्र में लिखा कि पूर्णानंद न तो हमारे गुरुजी का शिष्य है और न ही इस संस्था का अनुगामी है?
8. बिलखा जुनागढ़ के महंत बनने के बाद कितने दिन बिलखा रहें और वहां की व्यवस्था संभाली?
9. संपूर्णानंद कौन हं,ै जिसे गौमुखी गंगा रावतेश्वर धर्मालय बिलखा का ट्रस्टी बनाया गया है उसमें आप की सहमति है?
10. दिनांक 21 दिसम्बर 2019 को आप कहां थे?
11. दिनांक 21 दिसम्बर के दो शपथ पत्र चौरिटी कमीश्नर जुनागढ़ को प्रस्तुत किए गए जिसमें आपके फोटो के साथ हस्ताक्षर हैं?
12. इन सभी कागजों पर किये गये हस्ताक्षर आपके हैं अथवा किसी ओर के हैं।
13. कलेक्टर जुनागढ़ में आपके और मुकुनदानंद जी के विरुद्ध कोई फर्जी कागजात का केस किया गया हैं, उसकी जानकारी है?
14. क्या यह सही है कि बिलखा में सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में श्रीमहंत गोपालानंद के भंडारे के समय किसी ओर को महन्त बनाया गया था?