एमपी की राजधानी भोपाल में दिल्ली की निर्भया जैसी हैवानियत एक युवती के साथ की गई है। युवक ने लड़की के साथ ऐसी हैवानियत की हद पार की कि वो अगले 6 महीने तक बिस्तर से हिल भी नहीं सकती.इस वारदात से पुलिस समेत शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया। लड़की की मां ने बेटी की आपबीती मीडिया को औऱ सरकार को बताई। पीडि़ता की मां के अनुसार भोपाल में करीब 1 महीने पहले शाम को अपने घर के पास उनकी बेटी इवनिंग वॉक कर रही थी. इसी दौरान सुनसान इलाका और अंधेरा देख एक लड़के ने उनकी बेटी को धक्का देकर सड़क से नीचे की ओर धकेल दिया और उनकी बेटी के साथ जबरदस्ती करने लगा. बताया कि बदमाश उससे लगातार मारपीट कर रहा था और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश कर रहा था और वह अपनी जान बचाने की कोशिश कर रही थी.
लड़की की मां ने बताया कि जब जोर से चीखने लगी तो सड़क से गुजर रहे लोग उसकी तरफ भागे, जिसके बाद आरोपी फरार हो गया। लोग उनकी बेटी को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां उसका इलाज किया गया. लड़की को इस कदर पीटा गया था कि उसके सिर, गले और पीठ पर चोट थी. करीब 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 25 जनवरी के दिन पीड़िता को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. फिलहाल युवती घर पर बिस्तर पर ही है. लड़की की रीढ़ की हड्डी में रॉड लगाई गई है और स्क्रू से कसा गया है. इसके अलावा लड़की को हार्ड प्लास्टिक का एक कवर पहनाया गया है, जिससे वो हिल नहीं सकती. यह इसलिए पहनाया गया है ताकि वो हिले नहीं और रीढ़ की हड्डी में जो स्क्रू लगाए गए हैं उसपर असर न पड़े.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन भी दिया था- पीड़िता की मां
पीड़िता की मां का कहना है कि उनकी बेटी ने जो आपबीती सुनाई वो सन्न रह गई। लड़की की मां ने बताया कि जब लड़का उसे बेरहमी से मार रहा था तब उनकी बेटी ने एक पल के लिए समझा कि वो इस मारपीट से मर ही जाएगी इसलिए उसने लड़के को कह दिया कि उसे जो करना है कर ले पर मारे नहीं. पीड़िता की मां का कहना है कि अभी तक पुलिस ने सिर्फ छेड़छाड़ का ही मामला दर्ज किया था. पीड़िता की मां के अनुसार उनकी बेटी के साथ हैवानियत हुई है और इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन भी दिया था.
पीड़िता की मां ने आजतक को बताया कि शुक्रवार को डीआईजी इरशाद वली और कलेक्टर अविनाश लवानिया ने उनसे मुलाकात की है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है, लेकिन अभी तक उन्होंने आरोपी की शिनाख्त उनकी बेटी से नहीं करवाई है. वहीं कलेक्टर अविनाश लवानिया ने भी पीड़िता और उनकी मां से शुक्रवार को मुलाकात की और पीड़िता के इलाज में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. इसके अलावा अबतक इलाज में जो खर्चा हुआ है वो शासन द्वारा स्वीकृति की गई है। सारा खर्चा सरकार का होगा।