याचिका में कहा कि सुरक्षा हटाने से उनकी व उनके भाई राज सूरी की जान का खतरा और अधिक बढ़ गया है क्योंकि उन्होंने दौलत राम ट्रस्ट की 700 बीघा भूमि घोटाला केस उजागर किया था। मामले की एसआईटी जांच कर रही है वह इस भूमि को सरकार के खाते में समायोजित कराना चाहती है। इसे देखते हुए इस बीच भूमाफिया व प्रशासन के कुछ लोग सक्रिय हो गए हैं और साजिशन उनकी सुरक्षा हटा दी गई।
क्योंकि इसमें कई सरकारी अधिकारी और भूमाफिया फंस रहे हैं। पूर्व में भी याचिकाकर्ता ने पुलिस सुरक्षा पर सवाव उठाए थे। याचिका में कहा कि अब उनकी सुरक्षा बिना हाईकोर्ट के आदेश के हटा दी गई है। याचिका में कहा कि उनके भाई अधिवक्ता राजेश सूरी की हत्या 30 नवंबर 2014 को उस वक्त हुई थी जब वह नैनीताल हाईकोर्ट से घोटालो से संबंधित केसों की पैरवी करके ट्रेन से देहरादून वापस आ रहे थे। तब उनको ट्रेन मे ही जहर देकर मार दिया गया था और राजेश की सभी महत्वपूर्ण फाइलें ट्रेन से ही गायब हो गईं थीं। राजेश की बहन रीता सूरी का कहना था कि देहरादून के कई भ्रष्टाचार के मामले उसके भाई राजेश ने उजागर किए ।