छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मुठभेड़ के दौरान 3 अप्रैल को नक्सलियों ने CRPF जवान राकेश्वर सिंह को अगवा कर लिया था और बीते दिनों पत्रकार को उसकी फोटो देकर सरकार से शर्ते रखी थी जिसके बाद नक्सलियों ने राकेश्वर को गुरुवार को रिहा कर दिया है। राकेश्वर सिंह को छोड़े जाने की खबर के बाद से उनके परिवार में खुसी का माहौल है। पत्नी के खुशी के आंसू छलक रहे हैं। जवान की पत्नी ने कहा कि बीते पिछले 6 दिन उनके जीवन की सबसे घड़ी रही. उन्होंने कहा कि राकेश्वर सिंह की वापसी की उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी और उन्हें पूरा भरोसा था कि उनके पति जरूर वापस आएंगे.
राकेश्वर सिंह की पत्नी ने आगे कहा कि मैं उन लोगों को धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने उनके पति को सकुशल रिहाई सुनिश्चित कराया है. उनका ये यादगार लम्हा कभी नहीं भुलूंगी.उनकी पत्नी ने कहा कि सबसे मुश्किल भरा दिन रविवार को रहा जब उन्हें बिल्कुल भी पता नहीं था कि उनका पति किस हाल में हैं, और जिंदा हैं भी या नहीं हैं. इसलिए रविवार का दिन सबसे मुश्किल रहा. उन्होंने कहा कि मेरे परिवार का भी इस मामले में बहुत सहयोग रहा.कहा कि वे रविवार को उस वक्त घबरा गई थी जब उन्हें यह बता चला कि जवानों के शव मिले हैं. उसके बाद उन्होंने सोचा कि जब उन जवानों के शव मिले हैं तो फिर उनके पति के भी शायद शव मिल जाए. लेकिन शाम को सूची जारी हुई, जिसमें उन्हें लापता बताया गया था. उसमें आगे कहा गया कि उनकी तलाशी की जाएगी. राकेश्वर सिंह की पत्नी ने आगे कहा कि वे अब पूरी तरह से संतुष्ट हैं.
राकेश्वर सिंह की बेटी ने कहा कि मैं यह चाहती हूं कि मेरे पापा जल्द से जल्द घर आ जाएं. राकेश्वर सिंह की मां ने रिहाई की खबर सुनने के बाद कहा कि छह दिन काफी मुश्किल भरा उनके लिए रहा. उन्होंने कहा कि आज वे काफी खुश हैं क्योंकि राकेश्वर की रिहाई की खबर मिली है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे की सभी की दुआएं लगी है और सरकार ने उनके परिवार के लिए सबकुछ किया.